भगवानपुरा सीट का जातीय समीकरण
भगवानपुरा विधानसभा सीट पर अनुसूचित जनजाति वर्ग का दबदबा है। एसटी वोटर्स के हाथ में यहां जीत की चाबी होती है। इसके अलावा आदिवासियों में से बारेला और भिलाला समुदाय के मतदाता भी यहां दबदबा रखते हैं। वहीं गुर्जर और यादव समाज के मतदाता भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
कुल मतदाता – 2,22,851
पुरुष– 1,12,864
महिला वोटर्स –1,09,987
राजनीतिक इतिहास
भगवानपुरा विधानसभा सीट पर अब तक 14 बार चुनाव हो चुके हैं। इनमें 8 बार कांग्रेस और जनसंघ, जनता पार्टी, भाजपा के उम्मीदर रहे हैं। साल 2008 के चुनाव में बीजेपी के जमना सिंह सोलंकी जीते थे, उन्होंने केदार डावर को हराया था। वहीं साल 2013 के चुनाव में कांग्रेस के विजय सिंह सोलंकी ने जीत दर्ज की थी। 2018 में यहां निर्दलीय प्रत्याशी का डंका बजा। केदार डावर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए यहां दो पूर्व विधायकों को हरा दिया। डावर आदिवासी समाज के बड़े नेता माने जाते हैं, यह स्वयं और उनके परिवार के सदस्य चार-पांच बार विधायक रहे हैं। डावर परिवार क्षेत्र में खास पहचान रखता है और वनवासी क्षेत्रों में इनकी अच्छी पकड़ है।
2018 के परिणाम
2018 के चुनाव में केदार डावर को 73,758 वोट मिले थे। वहीं दूसरे स्थान पर रहे पूर्व विधायक बीजेपी के जमना सिंह सोलंकी को 64,042 वोट मिले। वहीं तीसरे स्थान पर रहे तत्कालीन विधायक कांग्रेस के विजय सिंह सोलंकी थे, जिन्हें महज 20,112 वोट मिले। इस तरह केदार डावर ने यह चुनाव 9,716 मतों के अंतर से जीता था।
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