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खंडवा

आदिवासी अचंल में उधार के शिक्षक के भरोसे चल रही शिक्षक विहिन स्कूलें, अतिथि शिक्षक भी नहीं आ रहे

-आदिवासी अंचल में शिक्षा की स्थिति बद से बदतर
-वनग्रामों की कई स्कूलों में तो शिक्षक ही नहीं, कैसे आएगा अच्छा परिणाम

खंडवाDec 23, 2024 / 12:36 pm

मनीष अरोड़ा

Education Department

खंडवा. अद्र्ध वार्षिक परीक्षा के लिए बाहर से आए शिक्षक।

प्रशासन भले ही शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए लाख कोशिश कर ले, लेकिन आदिवासी विकास विभाग की ढीलपोल नीति सारे प्रयासों पर पलीता लगा रही है। शिक्षक विहीन शालाएं, पांच-पांच कक्षाओं की शालाओं में एक-एक शिक्षक वो भी अतिथि, ऐसे में कैसे अच्छे परिणामों की कल्पना की जा सकती है। ये हकीकत है आदिवासी अंचल के वनग्रामों और आदिवासी बाहुल्य ग्रामों की शालाओं की, जहां उधार के शिक्षक के भरोसे शालाएं संचालित हो रही है। शिक्षकों के अभाव में बच्चों के भविष्य पर भी अंधकार नजर आ रहा है।
पटाजन संकुल में कुल 34 प्राथमिक, माध्यमिक शालाएं संचालित हो रही है। यहां तीन स्कूल शिक्षक विहिन चल रहे हैं। जिसमें प्राथमिक शाला जामेदा, प्राथमिक शाला हसनपुरा और रन्हाई माध्यमिक शाला शामिल है। रन्हाई माध्यमिक शाला में कुछ दिन पूर्व तक दीपक कारजकर और सूरज साठे अटैचमेंट पर शिक्षण कार्य कर रहे थे। यहां से इन्हें मूल शाला चट्टू बट्टू और बागड़ा में भेज दिया गया है। अब रन्हाई माध्यमिक शाला पूरी तरह से शिक्षक विहिन हो गया है। संकुल प्राचार्य सुनील जैन के मौखिक आदेश पर प्राथमिक शाला के एक शिक्षक यहां माध्यमिक शाला के बच्चों को पढ़ा रहे हैं। शुक्रवार को यहां अद्र्धवार्षिक परीक्षा लेने के लिए लंगोटी के अतिथि शिक्षक जितेंद्र भदौरिया को भेजा गया था।
प्राथमिक शाला में तीन शिक्षक
रन्हाई माध्यमिक शाला और प्राथमिक शाला के बीच 500 मीटर की दूरी है। रन्हाई पीएस में दो शिक्षक राकेश अखंडे और भीमसिंह कटारे तथा रामजीवन मार्को अतिथि शिक्षक के रूप में पढ़ा रहे हैं। माध्यमिक शाला शिक्षक विहिन होने से इनमें से ही एक शिक्षक को वहां पढ़ाने भेजा जा रहा है। पहली कक्षा से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी इन शिक्षकों पर आ गई है। पिछले मंगलवार को रन्हाई के ग्रामीणों ने सहायक आयुक्त कार्यालय पहुंचकर गुहार भी लगाई थी, तब उन्हों आश्वासन मिला था कि जल्द ही शिक्षक आ जाएंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। जामोदा और हसनपुरा में तो कोई भी शिक्षक पढ़ाने नहीं आ रहा है।
हमने उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया
स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति का दायित्व उच्च अधिकारियों का है। हमने शिक्षक विहिन शालाओं के बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया है। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए दूसरी स्कूल से शिक्षक को भेजा जा रहा है।
सुनील जैन, संकुल प्राचार्य, पटाजन

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