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खंडवा

पत्रिका रक्षा कवच अभियान… साइबर क्राइम में अब एआइ नया चैलेंज बनकर सामने आ रहा है- एसपी मनोज कुमार राय

रहोगे सावधान तो कभी नहीं होंगे परेशान
-पत्रिका अभियान के तहत पुलिस अधीक्षक ने महिलाओं, छात्राओं को किया जागरूक
-सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी शेयर न करें, ये खतरनाक

खंडवाDec 08, 2024 / 12:04 pm

मनीष अरोड़ा

Cyber ​​Crime

खंडवा. कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं के साथ एसपी व साइबर सेल प्रभारी।

बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ ही अपराधी भी हाइटेक होते जा रहे है। अपराधियों ने अब टेक्नोलॉजी को ही अपना हथियार बना लिया है और साइबर क्राइम को अंजाम दे रहे है। इसका उदाहरण है डिजिटल अरेस्ट और एआइ यानि आर्टिफिशियल इंटलीजेंस से वाइस चेंजर के जरीए अपराध करना। साइबर अपराध से बचाव का सबसे आसान तरीका है आप सावधान रहे। यह बात पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार राय ने पत्रिका रक्षा कवच अभियान के तहत महिलाओं और नर्सिंग छात्राओं को संबोधित करते हुए कही।
पत्रिका अभियान के तहत महिला जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन जसवाड़ी रोड स्थित शुभ परिसर में शनिवार दोपहर को हुआ। मुख्य वक्ता एसपी मनोज कुमार राय, साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक गायत्री सोनी ने महिलाओं और छात्राओं को जागरूक किया। अतिथियों का स्वागत शुभ परिसर संचालक व गोल्डन ग्रुप के रितेश कपूर ने किया। कार्यक्रम में प्रमिला शर्मा, हर्षा ठाकुर, प्रियंका मालवीय, निशा अग्रवाल, प्राची टुटेजा, सुशीला गार्गे, पूजा मालाकार, जाह्नवी सहित साई पैरामेडिकल कॉलेज की नर्सिंग स्टूडेंट्स उपस्थित रहीं।
बात करने के लहजे से करें पहचान
एसपी मनोज कुमार राय ने कहा कि एआई आर्टिफिशियल इंटिलेजेंस बहुत अच्छी चीज है, भविष्य में बहुत उपयोगी है, लेकिन इसका उपयोग साइबर अपराध में भी हो रहा है। वाइस चेंजर के जरीए अपराध किया जा रहा है, ये एक नया चैलेंज है। आप को किसी अपने की आवाज में बात करते हैं और साइबर क्राइम का शिकार बनाते है। आप यदि लंबे समय से किसी से जुड़े है तो उसके बात करने का तरीका, आपसे किस तरह से पेश आता है, इसकी जानकारी आपको रहती है। बात करने के लहजे से पहचानें, यदि कुछ गलत लगता है तो तुरंत ही फोन काट दें।
सबसे बेहतर है सावधानी
साइबर सेल प्रभारी गायत्री सोनी ने बताया कि सोशल मीडिया पर आप यदि अननोन नंबर को रिस्पांस करते हैं तो वह आपको अपने जाल में फांस लेता है। अपनी डिटेल किसी अनजान के साथ शेयर न करें। वॉटसएप, इंस्टाग्राम, मैसेंजर पर ट्रांजेक्शन से संबंधित चीजों पर कभी भी क्लिक न करें। कोई भी बैंक केवायसी ऑनलाइन, मेल के माध्यम से नहीं होती, फिजिकली जाना होता है। सबसे बेस्ट होती है सावधानी, आप सावधान है तो परेशानी से बच सकते हैं।
अखबार पढ़ती हूं, इसलिए सहेली को बचाया
कार्यक्रम में उपस्थित निशा अग्रवाल ने बताया कि सरकारी योजना के नाम पर उनकी एक सहेली के साथ भी साइबर फ्राड की कोशिश हुई थी। मैं अखबार पढ़ती हूं, इसलिए मुझे साइबर अपराध की जानकारी थी। मेरी सहेली ने जब मुझे इसकी जानकारी दी तो उसे तुरंत पुलिस के पास भेजा और केस दर्ज करवाकर नंबर ब्लॉक कराया।

ये भी कहा पुलिस अधीक्षक ने
-टेक्नालॉजी का यूज करने के साथ सावधानी रखना जरूरी है। आजकल हर हाथ में मोबाइल है, सभी उसका उपयोग कर रहे हैं।
-यहां 70 से ज्यादा लोग उपस्थित है, मुझे उम्मीद है कि यहां से जानकारी लेकर आप 7 हजार लोगों को जागरूक करोंगे।
-साइबर मित्र बनकर आप जितने लोगों को जागरूक करेंगे, उतना ही बचाव साइबर अपराध से होगा।
-पत्रिका का ये अभियान बहुत अच्छा है, पुलिस हर वर्ग तक पहुंचकर उन्हें जागरूक करेगी।

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