भाजपा ने ज्ञानेश्वर पाटिल को चुनाव मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने रामनारायण सिंह पुरनी को मैदान में उतारा है। दोनों ही दलों में मुख्य मुकाबला है। अब यहां 30 अक्टूबर को मतदान होगा, रिजल्ट 2 नवंबर को आएगा।
खंडवा लोकसभा में 8 सीटें शामिल
खंडवा लोकसभा में चार जिलों की आठ विधानसभा सीट आती हैं। इनमें खंडवा, बुरहानपुर, नेपानगर, पंधाना, मांधाता, बड़वाह, भीकनगांव और बागली विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इन विधानसभा क्षेत्रों में से तीन पर भाजपा, चार पर कांग्रेस और एक सीट पर निर्दलीय विधायक चुनाव जीते थे। खंडवा लोकसभा क्षेत्र में 1979 में उपचुनाव हुए थे, जिसमें जनता पार्टी की ओर से कुशाभाऊ ठाकरे ने कांग्रेस के एसएन ठाकुर को हरा दिया था।
एससी-एसटी और ओबीसी सबसे अधिक
खंडवा संसदीय क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 19 लाख 68 हजार हैं। इनमें 5 लाख 16 हजार मतदाता ओबीसी हैं। जबकि जातिगत समीकरणों की बात करें तो एससी-एसटी वर्ग के वोटर सबसे अधिक हैं, इनकी संख्या 7 लाख 68 हजार हैं। आंकड़ों के मुताबिक इस संसदीय क्षेत्र की कुल जनसंख्या के हिसाब से 20 प्रतिशत सामान्य वर्ग, 26 फीसदी ओबीसी, 38 फीसदी एससी-एसटी, 15 फीसदी अल्पसंख्यक और एक प्रतिशत अन्य जाति के लोग हैं।
तीन विधानसभा उपचुनाव में यह हैं आमने-सामने
तीन बार विधायक रहे राजनारायण सिंह पुरनी
कांग्रेस प्रत्याशी राजनारायण सिंह पुरनी मांधाता से तीन बार विधायक रहे। इनके पास 45 लाख और पत्नी के पास दो करोड़ 22 लाख की अचल संपत्ति है। उनकी पत्नी पाल एसोसिएट में करीब डेढ़ करोड़ रुपए की भागीदार हैं। पत्नी के पास 12 लाख के जेवरात हैं। इनकी आय का जरिया खेती, पूर्व विधायक के तौर पर मिलने वाली पेंशन और भवन किराया है। वहीं पत्नी दीपा सिंह पुरनी इंफ्रा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में डायरेक्टर हैं। कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ लड़क मार्ग बाधित करने का मामला दर्ज हुआ था, जिसे लेकर कोर्ट ने उनके ऊपर 300 रुपए का जुर्माना भी लगाया था।
कौन है ज्ञानेश्वर पाटिल
बी.कॉम में स्नातक ज्ञानेश्वर का व्यवसाय कृषि है। केले के बड़े व्यापारी हैं। संपत्ति के मामले में यह करोड़पति हैं। इनकी पत्नी के पास कुल 73 लाख की चल संपत्ति है। जबकि 13 लाख के जेवरात हैं। ज्ञानेश्वर के पास दो करोड़ 70 लाख और पत्नी के नाम पर 1 करोड़ 74 लाख रुपए की संपत्ति है। इनकी आय का जरिया खेती है। खेती से इस साल 9 लाख 34 हजार रुपए की आय हुई है। पाटिल 12 पास हैं। इंदिरा गांधी नेशनल यूनिवर्सिटी से बीकाम सेकंड ईयर तक पढ़ाई की है। इनके खिलाफ भी प्रकरण दर्ज हैं। कोविड नियमों का पालन न करने के मामले में एक मामला पंजीबद्ध है, जिसकी जांच अब भी चल रही है।
पाटिल का राजनैतिक सफर
चुनावी जिम्मेदारीइसलिए हो रहे हैं उपचुनाव
कोरोना की तीसरी लहर में निधन के बाद से चार सीट खाली हुई थी। इनमें से खंडवा लोकसभा सीट और जोबट, पृथ्वीपुर और रैगांव विधानसभा सीट शामिल हैं। खंडवा से भाजपा के सांसद नंदकुमार सिंह चौहान का कोरोना से निधन हो गया था। इनके अलावा जोबट विधानसभा से कांग्रेस विधायक कलावति भूरिया के निधन भी कोरोना से हो गया था। इनके अलावा पृथ्वीपुर से ब्रजेंद्र सिंह राठौर और रैगांव से जुगल किशोर बागरी का भी कोरोना से निधन हो गया था। इन चारों जनप्रतिनिधियों के निधन के बाद से यह उपचुनाव हो रहा है।