कितने वोटर
2020 में मंधाता सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े नारायण पटेल ने 22,000 से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। मांधाता विधानसभा में करीब सवा दो लाख मतदाता हैं। जिनमें राजपूत, गुर्जर तथा बंजारा समाज के मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक है। विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस यहां पर वैसी ही है, जैसी स्थिति उसकी अन्य जिलों में है। लेकिन, यहां के स्थानीय कांग्रेस नेता अपने बूते पर काफी मजबूत हैं और यही कारण है जो, बीते जिला पंचायत चुनाव में मांधाता विधानसभा की तीनों जिला पंचायत सीट कांग्रेस ने जीतीं।
मांधाता विधानसभा सीट से 2003 में कांग्रेस के ठाकुर राजनारायण सिंह जीते थे। उनके बाद 2008 और 2013 में बीजेपी के लोकेंद्र सिंह लगातार 2 बार जीते। 2018 के चुनाव में कांग्रेस के नारायण पटेल ने बीजेपी के नरेंद्र सिंह तोमर को हराकर जीत दर्ज की। लेकिन 15 महीने बाद ही कांग्रेस की कमलनाथ सरकार से 28 विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी में शामिल हो गए थे और कांग्रेस की सरकार गिर गई थी। उस समय कांग्रेस के मांधाता विधायक नारायण पटेल भी बीजेपी में चले गए. फिर 2020 में हुए उपचुनाव नारायण पटेल ने नई पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत हासिल की और कांग्रेस के उत्तमपाल सिंह को हरा दिया।
2018 के चुनाव के मुताबिक मांधाता विधानसभा में कुल 1 लाख 90 हजार 974 वोटर हैं. इनमें से सबसे अधिक 29 हजार गुर्जर, 18500 बंजारा और 18 हजार राजपूत मतदाता हैं. आदिवासी मतदाताओं की संख्या करीब 4500 और मुस्लिमों की 9800 है.
मांधाता बीजेपी के लिए सबसे जरुरी
मांधाता क्षेत्र में ओंकारेश्वर में आदि गुरु शंकराचार्य जी की 108 फिट की प्रतिमा का आज ही शिवराज सिंह चौहान ने अनावरण किया है. इसके अलावा सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट, इंदिरा सागर बांध, ओंकारेश्वर बांध यहां मौजूद है. वहीं नर्मदा के बैक वाटर में बने पर्यटन स्थल हनुवंतिया भी यहां मौजूद है.ऐसे में बीजेपी चाहेगी कि इस सीट को वो 2023 के विधानसभा चुनाव में बचा कर रखे.
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