खीर-पूरी, सब्जी की जगह परोसे दाल चावल
-आदिवासी अंचल के स्कूलों में मध्याह्न भोजन में नहीं मिल रहा मेन्यू अनुसार खाना-रोजाना एक जैसी सब्जी और पानी वाली दाल परोस रहे बच्चों को
-आदिवासी अंचल के स्कूलों में मध्याह्न भोजन में नहीं मिल रहा मेन्यू अनुसार खाना-रोजाना एक जैसी सब्जी और पानी वाली दाल परोस रहे बच्चों को
खंडवा. आदिवासी ब्लॉक के वनांचल क्षेत्र पटाजन में मध्याह्न भोजन व्यवस्था पूरी तरह से गड़बड़ा चुकी है। वनग्रामों की सरकारी स्कूलों में बच्चों को मेन्यू अनुसार भोजन दिए जाने की बजाए स्व-सहायता समूह द्वारा मनमाना भोजन परोसा जा रहा है। बच्चों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता भी बेहद खराब है। मंगलवार को विशेष भोजन के तहत बच्चों को खीर-पूरी, आलू-टमाटर की सब्जी दी जाती है। कई शालाओं में खीर-पूरी के स्थान पर सिर्फ दाल-चावल परोसे गए तो किसी स्कूल में खीर-पूरी दी गई, सब्जी थाली से गायब रही।
मंगलवार को शासकीय माध्यमिक शाला टिगरिया में बच्चों की थाली में खीर-पूरी, सब्जी के स्थान पर दाल-चावल ही नजर आए। विद्यार्थियों ने बताया कि खीर-पूरी, हलवा तो कभी कभार राष्ट्रीय पर्व पर या फिर किसी उच्च अधिकारी, नेता के आने पर ही मिलता है। खाने में कभी भी अच्छा भोजन और मेन्यू अनुसार भोजन नहीं मिलता है। ग्राम खोरदा की प्रायमरी व माध्यमिक शाला में बच्चों को खीर-पूरी तो परोसी गई, लेकिन सब्जी नहीं दी गई। भोजन की गुणवत्ता में भी कमी नजर आई। बच्चों ने बताया कि रोजाना एक ही तरह का भोजना दिया जा रहा है। एक ही सब्जी और पतली सी दाल रोज खाने के लिए दी जाती है। कई बच्चे तो मध्याह्न भोजन को हाथ भी नहीं लगाते।
शिकायत करने पर मिलती डांट
बच्चों ने बताया कि समूह से कभी मेन्यू अनुसार भोजन देने की बात की जाती है तो डांट-फटकार कर बच्चों को चुप करा दिया जाता है। मजबूरी में बच्चे जो मिल रहा है वो खा लेते है। ग्रामीण इलाकों में संचालित विद्यालयों में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता को लेकर भी सवालिया निशान लग रहे हैं, लेकिन जिले में पदस्थ गुणवत्ता निरीक्षक द्वारा कभी इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। साथ ही भोजन की जांच के लिए कोई जहमत नहीं उठाई जाती है।
बच्चों की उपस्थिति भी कम
उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा स्कूलों में मध्याह्न भोजन देने का एक मुख्य कारण यह भी है कि छात्र-छात्राओं की स्कूलों में उपस्थिति बढ़े। योजना का अमल वंनाचल क्षेत्र में नजर नहीं आ रहा है। ब्लॉक की सरकारी प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति बेहद कम है। माध्यमिक शाला टिगरिया मे 128 छात्र-छात्रा अध्ययनरत है। जिसमें से मंगलवार को 85 ही उपस्थित थे। खोरदा माध्यमिक 64 बच्चे दर्ज हैं, जिसमें से 38 उपस्थित मिले। प्राइमरी स्कूल में 85 बच्चों का नाम रजिस्टर में दर्ज हैं। जिसमें से 48 ही उपस्थित थे। नवीन प्राथमिक शाला पटाल्दा में बच्चों की दर्ज संख्या 47 हैं। जिसमें से 20 ही आ रहे हैं। बच्चों की स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाने के लिए शिक्षक भी ध्यान नहीं दे रहे हैं।
आज ही कराएंगे जांच
स्कूलों में मध्याह्न भोजन बच्चों को मेन्यू अनुसार नहीं मिल रहा है तो बीआरसी को बोलकर आज ही जांच कराई जाएगी। अनियमितता पाई जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई करेंगे।
केके यूके, सीईओ जनपद पंचायत खालवा
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