इधर देशगांव लॉजिस्टक हब बनने से पहले ही यहां भूमाफिया भी सक्रिय हो गए। औद्योगिक केंद्र प्रस्तावित होने की जानकारी लगते ही इसके आसपास की जमीन खरीद कर बिजनेस पार्क बनाने की तैयारी की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक कई बिल्डर ने विकास के लिए रेरा की अनुमति भी नहीं ली है। नियम विरुद्ध बन रहे बिजनेस पार्क की शिकायत भी हुई है। सरकारी औद्योगिक केंद्र का प्रस्ताव निरस्त होने से इनके प्रोजेक्ट भी प्रभावित हो सकते हैं।
करीब 15 साल पहले भी औद्योगिक केंद्र विकास निगम (एकेवीएन) इंदौर ने रुधि-भावसिंगपुरा में 140 एकड़ में औद्योगिक केंद्र बनाया था। जमीन के भाव और एप्रोच रोड को लेकर यहां विवाद बना रहा और महज तीन-चार इकाईयों के अलावा पूरा केंद्र खाली पड़ा हुआ है। एकेवीएन को सरकार ने मप्र औद्योगिक विकास निगम (एमपीआइडीसी) बना दिया और इसके सारे अधिकार भोपाल पहुंच गए, लेकिन रुधि-भावसिंगपुरा औद्योगिक केंद्र की किस्मत नहीं बदली। अब रुधि-देशगांव-बैतूल रोड से सीधी एप्रोच इसकी हो गई है, लेकिन यहां जमीन के भाव को लेकर कोई उद्योगपति इस क्षेत्र में उद्योग लगाने को तैयार नहीं है।
रुधि-देशगांव बायपास को इंड्रस्टियल कॉरीडोर के रूप में देखा जा रहा है। देशगांव औद्योगिक केंद्र के प्रस्ताव निरस्त होने के बाद अब सारी उम्मीद सुरगांव निपानी औद्योगिक केंद्र पर टिकी हुई है। यहां 44 हेक्टेयर भूमि को विकसित करने का प्रस्ताव भेजा गया है। ये प्रस्ताव पास हो चुका है। हालांकि औद्योगिक केंद्र की प्रशासकीय स्वीकृति अब तक नहीं मिली है। यहां एमएसएमइ उद्योग स्थापित होंगे। 307 प्लॉट्स भी काटे जाने का प्लान है।