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सांप के कांटने के बाद थम गई थी सांस, हुआ चमत्कार और लौट आई मासूम की मुस्कान

बच्ची को जहरीले सांप ने कांट लिया था। कोयल के माता-पिता ये मान लिए थे कि अब उनकी बच्ची शायद ही बच पाएगी।

कवर्धाAug 12, 2017 / 07:31 pm

चंदू निर्मलकर

snake bite
कवर्धा. हमेशा जिला अस्पताल में सुविधा व डॉक्टर की कमी और अव्यवस्था की बातें सुनने को मिलती हैं। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है जब डॉक्टर व स्टॉफ अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए किसी की जान बचाते हैं। ऐसे ही वाकया पिछले दो दिन पूर्व हुआ, जहां एक बच्ची की जिंदगी बचाई गई। यह कहानी मासूस बच्ची कोयल पात्रे की। बच्ची को जहरीले सांप ने कांट लिया था। कोयल के माता-पिता ये मान लिए थे कि अब उनकी बच्ची शायद ही बच पाएगी। लेकिन इलाज के बाद मासूम के चेहरे पर फिर से मुस्कान लौट आई। जानिए पूरा मामला…
snake bite
पांच वर्षीय कोयल पात्रे को 8 अगस्त को दोपहर 12 बजे अचेत अवस्था में भर्ती कराया गया था, उपचार के बाद उन्हे किसी जहरीले सांप को कांटने की पुष्टि हुई। इसके बाद उन्हें अस्पताल के गहन चिकित्सा केन्द्र में तत्परता से उपचार प्रांरभ किया गया। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सलिल मिश्रा और उनकी पूरी टीम द्वारा गहन चिकित्सा केन्द्र में उपचार किया गया। इस दौरान उन्हें 15 इजेक्शन लगाए गए। अतंत: मामूम की जिंदगी लौट आई। जहरीले सांप के काटने के बाद कोयल पूर्णता: अचेत अवस्था में पहुंच गई थी। संासे चल रही थी। जहर का असर उनके तंत्रिका तंत्र में पहुंच कर असर दिखाना शुरू कर दिया था। उनके पैरों से निडिल लगाकर उपचार किया गया।
सर्प डसने के लक्षण
सर्प काटने का पहला लक्षण गहरी नींद आना है। विष से पलकें भारी होने लगती है। करीब 85 प्रतिशत मामलों में यह सांप के काटने का पहला लक्षण होता है। इसके बाद सांस लेने में मुश्किल होनी शुरु हो जाती है। सांस की दर नापने का तरीका एक उपयोगी तरीका है। अगर हर अगली सांस के साथ गिनती कम और कम होती जाए तो इसका अर्थ है कि सांस लेने की क्षमता पर असर हो रहा है।
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जिला अस्पताल में पूर्ण व्यवस्था
सिविल सर्जन डॉ. अरविन्द शुक्ला ने बताया कि जिला अस्पताल में जहरीले सांप के काटने का इजाल की पूर्णता: व्यवस्था की गई है। यहां के डॉक्टर व स्टॉफ में इलाज के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है। कबीरधाम जिले में वर्षा ऋतु में संर्पदश्ंा की घटना अधिक बढ़ जाती है इसके लिए बेहतर उपचार के व्यवस्था की गई है।
अधिकतर सांप जहरीले नहीं
वर्ष 2016-17 से अब तक 81 लोगों को जहरीले सांप के काटने के बाद सफल उपचार किया जा चुका है। सिविल सर्जन ने बताया 80 प्रतिशत से ज्यादा सांप का काटना जहरीला नहीं होता, इसलिए ज्यादातर लोगों तो वैसे भी ठीक हो ही जाते हैं। ऐसे में घरेलू उपचार से बचे, क्योंकि सांप के काटने पर खतरा बहुत ही ज्यादा होता है। सांप के काटने पर किसी भी तरह का जादुई इलाज भरोसेमंद नहीं होता है।

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