सर्प काटने का पहला लक्षण गहरी नींद आना है। विष से पलकें भारी होने लगती है। करीब 85 प्रतिशत मामलों में यह सांप के काटने का पहला लक्षण होता है। इसके बाद सांस लेने में मुश्किल होनी शुरु हो जाती है। सांस की दर नापने का तरीका एक उपयोगी तरीका है। अगर हर अगली सांस के साथ गिनती कम और कम होती जाए तो इसका अर्थ है कि सांस लेने की क्षमता पर असर हो रहा है।
सिविल सर्जन डॉ. अरविन्द शुक्ला ने बताया कि जिला अस्पताल में जहरीले सांप के काटने का इजाल की पूर्णता: व्यवस्था की गई है। यहां के डॉक्टर व स्टॉफ में इलाज के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है। कबीरधाम जिले में वर्षा ऋतु में संर्पदश्ंा की घटना अधिक बढ़ जाती है इसके लिए बेहतर उपचार के व्यवस्था की गई है।
वर्ष 2016-17 से अब तक 81 लोगों को जहरीले सांप के काटने के बाद सफल उपचार किया जा चुका है। सिविल सर्जन ने बताया 80 प्रतिशत से ज्यादा सांप का काटना जहरीला नहीं होता, इसलिए ज्यादातर लोगों तो वैसे भी ठीक हो ही जाते हैं। ऐसे में घरेलू उपचार से बचे, क्योंकि सांप के काटने पर खतरा बहुत ही ज्यादा होता है। सांप के काटने पर किसी भी तरह का जादुई इलाज भरोसेमंद नहीं होता है।