जिला ग्राम क्षेत्र (हे. में)
जबलपुर 438 60000
कटनी 127 21823
सतना/मैहर 855 159655 रीवा 30 3532 योग 1450 245010 सुधार के लिए हो रही यह कवायद
अप स्ट्रीम छोर से टीवीएम में सुधार कार्य के लिए ओपन पाइप साफ्ट निर्माण कर मशीन के कटर हेड कार्य में सुधार की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। उपकरण, इंजीनियर और अन्य सामग्री की उपल्ब्धता के बाद काम शुरू किया गया है। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का दावा है कि जनवरी/फरवरी माह में मशीन में सुधार हो जाएगा, और फिर शेष बची 1130 मीटर टनल का काम कराया जाएगा। अफसरों का यह भी दावा है कि दिसंबर 2025 तक टनल का काम पूरा कर दिया जाएगा।
टनल की खुदाई में डाउन स्ट्रीम पर काम हो चुका है। अप स्ट्रीम पर टीवीएम मशीन में खराबी, सिंकहोल, हादसा सहित अन्य वजह से परियोजना में देरी होती चली गई। दिसंबर 2023 से मार्च 2024 तक भी मशीन में रिपेयरिंग का काम चला। इस देरी से परियोजना की लागत काफी बढ़ गई है।
- 1996.55 एमसीएम है परियोजना में पानी की क्षमता
- 245010 हेक्टेयर है जमीन के सिंचाई कराने का लक्ष्य
- 1101.23 करोड़ है परियोजना में प्रशासकीय स्वीकृति
- 5127.22 करोड़ रुपए हो गई है पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति
- 1450 गांवों के लिए बनी है सिंचाई की यह बड़ी योजना
रॉबिन्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा टनल खुदाई का काम किया जा रहा है। टीवीएम मशीन की मरम्मत के लिए अमेरिका से विशेष उपकरण और इंजीनियर बुलाए गए हैं। तलैया आकार में 100 फीट गहरी खुदाई कर मशीन के पाट्र्स बदले जाएंगे। इस प्रक्रिया में एक माह से अधिक का समय लगेगा।
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- 2008 में योजना शुरू, 2011 तक पूरा करने का लक्ष्य, अबतक है अधूरी
- 12 किलोमीटर की सुरंग में अभी भी 1130 मीटर काम है अधूरा।
- 197 किलोमीटर मुख्य नहर का हो चुका है निर्माण, कई जगह से हो रही खराब।
- सतना जिले में 131 किलोमीटर शाखा नहर और रीवा जिले में 39 किलोमीटर शाखा नहर निर्माणाधीन।
- सुरंग निर्माण में मिट्टी धसकने और पानी रिसाव जैसी समस्याओं के चलते बार-बार रुकावट।
- जम्मू में अटल टनल बनाने वाली तकनीक से हो रहा निर्माण, कुप्रबंधन के कारण हो रही समस्या
टनल निर्माण में 10 साल पुरानी मशीनों के उपयोग के कारण बार-बार खराबी आ रही है। भू-गर्भीय संरचना में पत्थर, मिट्टी और पानी की वजह से मशीन के 56 कटर खराब हो रहे हैं। ठेकेदार कंपनी ने नई मशीनें नहीं मंगाई, जिससे काम में लगातार देरी हो रही है। पूर्व सीएम ने जून 2023 तक टनल निर्माण पूरा करने का लक्ष्य मुख्यमंत्री द्वारा निर्धारित किया गया था। इसके बावजूद एनवीडीए के अधिकारियों का खराब प्रबंधन, पुरानी मशीनों का उपयोग, और अन्य प्रशासनिक समस्याओं के कारण काम पूरा नहीं हो पाया।
स्लीमनाबाद के समीप सलैया फाटक व खिरहनी में भयंकर पहाड़ को काटकर यह 12 किलोमीटर लंबी टनल बनाई जा रही है। दो टीवीएम मशीनों से टनल का कार्य किया जा रहा है। इसमें डाउन स्ट्रीम 5500 मीटर से अधिक का काम पूरा हो गया है।
31 जुलाई को सीएम कर चुके हैं समीक्षा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 31 जुलाई को टनल निर्माण कार्य व आ रही बाधा को लेकर समीक्षा कर चुके हैं। टनल का निर्माण कार्य समय-सीमा में पूर्ण करने निर्देश दिए थे। सीएम ने कहा था कि आवासीय क्षेत्र के नीचे टनल निर्माण करते हुए विशेष सावधानी बरतें। यह प्रदेश के लिए एक मेगा प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट से जबलपुर, कटनी, मैहर, सतना और रीवा सहित आसपास के जिलों के कृषकों को सिंचाई और ग्रामीणों को पेयजल की सुविधा उपलब्ध होगी। मेगा प्रोजेक्ट की सतत मॉनिटरिंग के लिए ऑनलाइन डैशबोर्ड बनाएं। बरगी व्यपवर्तन परियोजना और स्लीमनाबाद टनल की अद्यतन प्रगति पर आधारित प्रेजेंटेशन दिया गया था, बावजूद इसके विभाग के अधिकारी योजना को गंभीरता से नहीं ले रहे।
अप स्ट्रीम की टीवीएम मशीन स्लीमनाबाद में जमीन से 30 मीटर नीचे खराब है। साफ्ट में गड़बड़ी के कारण सितंबर माह से समस्या है। सुधार के लिए अभी 20 दिन से अधिक का वक्त और लग सकता है। मार्च से काम गति पकड़ेगा। अप स्ट्रीम में सिर्फ 1130 मीटर शेष है, जिसे शीघ्र पूरा कराने कवायद जारी है।
सहज श्रीवास्तव, कार्यपालन यंत्री, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण।