कटनी

बेटियां दिखा रहीं गजब का हौंसला: पुर्जे-पुर्जे खोलकर बना रहीं रेल इंजन

शक्तियों का साहस बना मिसाल, ओवरड्यू लोको इंजन के पुर्जे-पुर्जे को खोलकर फूंक रहीं जान, डीजल शेड की विफलता कम कर 50 फीसदी की अच्छे काम में बढ़ोत्तरी, डीजल शेड एनकेजे में महिलाओं और युवतियों के काम को डीआरएम से लेकर प्रिसिंपल चीफ इंजीनियर ने सराहा, किया समानित

कटनीOct 28, 2020 / 08:55 pm

balmeek pandey

बेटियां दिखा रहीं गजब का हौंसला: पुर्जे-पुर्जे को खोलकर बना रहीं रेल इंजन,बेटियां दिखा रहीं गजब का हौंसला: पुर्जे-पुर्जे को खोलकर बना रहीं रेल इंजन,बेटियां दिखा रहीं गजब का हौंसला: पुर्जे-पुर्जे को खोलकर बना रहीं रेल इंजन

कटनी. रेलवे देश के विकास की रीढ़ मानी जाती है। रेल ही देशवासियों को कोने-कोने से न सिर्फ जोड़कर रखे हुए है बल्कि विविध संस्कृतियों से रुबरु कराती है। इन सबके बीच ट्रेनों को चलाने में अहम भूमिका निभाने वाले लोको (इंजन) जिसके संधारण की जिमेदारी एशिया के सबसे बड़े यार्ड न्यू कटनी जंक्शन में अब शक्ति के हाथ में है। जिसदिन से महिलाओं और युवतियों के साथ लोको के मरमत की जिमेदारी आई है उसके बाद से डीजल शेड एनकेजे की दिशा और दशा ही बदल गई है। डीजल शेड में शक्तियों के साहस से नित नए कामयाबी के कीर्तिमान बन रहे हैं। बता दें कि यहां पर काम करने वाली महिलाएं और युवतियों इंजन के पुर्जे-पुर्ज को खोलकर ठीक करते हुए ट्रैक पर पॉवर को दौड़ा रही हैं। इनके इस काम की सराहना रेलवे के मंडल से लेकर बोर्ड तक हो रही है। महिलाओं को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। यहां पर काम करने वाली महिलाओं व युवतियों के काम से शेड की विफलता समाप्त तो हुई है साथ ही समयपालन के साथ 50 प्रतिशत अच्छे काम में की बढ़ोत्तरी हुई है।

60 महिलाएं संभाल रहीं काम
डीजल शेड एनकेजे में 60 महिलाएं कार्यरत हैं। जो कि विभिन्न विभागों का काम देख रही हैं। यहां पर टर्वो सुपर चार्जर, हाइवे कंप्रेशर, एस्ट्रूम, जिलरी, कैम ग्रुप सेक्शन में एकदम जोखिम भरा काम बड़े ही सुरक्षात्मक तरीके से कर रही हैं। इस सेक्शन में उनका काम पुरुषों से भी उत्कृष्ट है। लोको पर चढ़कर कलपुर्जों को निकालना और फिर से लोको पर लगाना, बोगी की ओवरहालिंग को बड़े सजगता से कर रही हैं। ओवरड्यू पॉवर को मिनटों में ठीक कर देती हैं। पेटों लाइन पर काम को देखकर अफसर भी दंग रह जाते हैं। डीजल शेड में लक्ष्मी गौतम, सीमा कुशवाहा, मोनिका सोनी, राजरेखा, दमयन्ती बाई, पूनम पाल, रितु तिवारी, कमला बाथरे, सुषमा, रीता बाई, मंजू देवी, मीना श्रीवास्तव, रजनी गौतम आदि का अहम योगदान है।

मंडल से लेकर बोर्ड तक समान
महिलाओं और युवतियों द्वारा पूरी तन्मयता से के साथ डीजल शेड में किए गए काम की न सिर्फ सराहना हो रही है, बल्कि उन्हें प्रोत्साहित भी किया गया है। इस साल 20 महिलाओं को रेलवे के विशेष समान से समानित किया गया है। महिलाओं व युवतियों को प्रिसिंपल चीफ इंजीनियर, पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर मंडल के डीआरएम, यूनियनों द्वारा भी समानित किया गया है।

इनका कहना है
डीजल शेड में महिलाएं व युवतियों अदय साहस के साथ काम कर रही हैं। जिस काम को कई बार पुरुष करने में झिझकते हैं उसे ये और बेहतर ढंग से कर रही हैं। इससे विफलता में न सिर्फ कमी आई है बल्कि काम में 50 फीसदी अच्छे काम की बढ़ोत्तरी हुई है।
एसके सिंह, सीनियर डीएमइ, डीजल शेड एनकेजे।

Hindi News / Katni / बेटियां दिखा रहीं गजब का हौंसला: पुर्जे-पुर्जे खोलकर बना रहीं रेल इंजन

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.