60 महिलाएं संभाल रहीं काम
डीजल शेड एनकेजे में 60 महिलाएं कार्यरत हैं। जो कि विभिन्न विभागों का काम देख रही हैं। यहां पर टर्वो सुपर चार्जर, हाइवे कंप्रेशर, एस्ट्रूम, जिलरी, कैम ग्रुप सेक्शन में एकदम जोखिम भरा काम बड़े ही सुरक्षात्मक तरीके से कर रही हैं। इस सेक्शन में उनका काम पुरुषों से भी उत्कृष्ट है। लोको पर चढ़कर कलपुर्जों को निकालना और फिर से लोको पर लगाना, बोगी की ओवरहालिंग को बड़े सजगता से कर रही हैं। ओवरड्यू पॉवर को मिनटों में ठीक कर देती हैं। पेटों लाइन पर काम को देखकर अफसर भी दंग रह जाते हैं। डीजल शेड में लक्ष्मी गौतम, सीमा कुशवाहा, मोनिका सोनी, राजरेखा, दमयन्ती बाई, पूनम पाल, रितु तिवारी, कमला बाथरे, सुषमा, रीता बाई, मंजू देवी, मीना श्रीवास्तव, रजनी गौतम आदि का अहम योगदान है।
मंडल से लेकर बोर्ड तक समान
महिलाओं और युवतियों द्वारा पूरी तन्मयता से के साथ डीजल शेड में किए गए काम की न सिर्फ सराहना हो रही है, बल्कि उन्हें प्रोत्साहित भी किया गया है। इस साल 20 महिलाओं को रेलवे के विशेष समान से समानित किया गया है। महिलाओं व युवतियों को प्रिसिंपल चीफ इंजीनियर, पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर मंडल के डीआरएम, यूनियनों द्वारा भी समानित किया गया है।
इनका कहना है
डीजल शेड में महिलाएं व युवतियों अदय साहस के साथ काम कर रही हैं। जिस काम को कई बार पुरुष करने में झिझकते हैं उसे ये और बेहतर ढंग से कर रही हैं। इससे विफलता में न सिर्फ कमी आई है बल्कि काम में 50 फीसदी अच्छे काम की बढ़ोत्तरी हुई है।
एसके सिंह, सीनियर डीएमइ, डीजल शेड एनकेजे।