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क्या है ड्राइविंग बैंड
ड्राइविंग बैंड बोफोर्स तोप में बैरल से टच होकर जाता है। बैरल में क्रूज स्पाइरल आकार में होता है। ताकि जब शेल बैरल के अंदर चले तो स्पिन होने से उसकी गति और ज्यादा बढ़े। बैरल में इसी स्पाइल सेप को ड्राइविंग बैंड से पैक किया जाता है। ड्राइविंग बैंड का काम होता है बैरल में ऐसा फिट हो जाए कि सेल जब ट्रेवल करे तो कहीं भी गैस लीक होने से उसकी ताकत कम न हो और बम निर्धारित दूरी पर ही जाकर गिरे।
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चुनौती था सही डिजाइन
ओएफके के महाप्रबंधक वीपी मुंघाटे के अनुसार १९९९ में बोफोर्स से जुड़ी कुछ तकनीक साउथ अफ्रीका से ली गई, तब ड्राइविंग बैंड का डिजाइन नहीं मिला था। ओएफके को सेल का डिजाइन ही मिला था। तब ड्राइविंग बैंड सटीक डायमीटर के साथ बनाना बड़ी चुनौती थी। इंजीनियरों ने इस काम को बखूबी निभाया। बोफोर्स की मारक क्षमता ३१ किलोमीटर से ज्यादा है। इस ताकत के पीछे ड्राइविंग बैंड का महत्वपूर्ण योगदान है जो देशभर में ओएफके में ही बनती है।