बिल देखकर उड़े वृद्ध के होश, कर्मचारियों ने काटी बिजली, गिड़गिड़ाने पर जोड़ा, अब फिर मिल रही धमकी
यह है नदी पुनर्जीवन का उद्देश्य
इस योजना से पेयजल की समस्या से निजात दिलाने के साथ किसानों के खेतों को पानी उपलब्ध कराना है। इसमें चैकडेम, गली प्लग, कंटूर ट्रैंच आदि के माध्यम से 60 प्रतिशत बारिश का पानी रोककर भूमि में समाहित करना है, ताकि तल स्तर बढ़ सके। इसके अलावा बारिश व बारहमासी नालों को कटनी नदी से जोड़कर 0.6 मीटर तक पानी का स्तर बढ़ाना है, ताकि नदी की धारा अविरल बहती रहे।
खास-खास:
– मई में स्वीकृत हुए हैं नदी पुनर्जीवन के लिए 4 हजार 207 काम।
– 115 माइक्रो वॉटर शेड पर होना है काम, अधिकांश पड़े हैं अधूरे।
– 305 गांव में चलना है नदी पुनर्जीवन योजना के तहत काम।
– जनवरी माह में शुरू किया गया था मनरेगा मद से काम।
इनका कहना है
नदी पुनर्जीवन में बहुत सारे काम होने हैं। मनरेगा से जितने काम होने हैं वे हो रहे हैं। प्राप्त निर्देशों के आधार पर काम चल रहे हैं। काम का सिलेक्शन करके मनरेगा को दे दिया जाता है फिर ग्राम पंचायत से काम हो रहे हैं।
सूरज शर्मा, नोडल अधिकारी नदी पुनर्जीवर।
नदी पुनर्जीवरन बड़ा प्रोजेक्ट है। पांच साल में 20 हजार से अधिक काम होने हैं। इस साल 1736 काम होने थे। 81 पूर्ण हो गए हैं। काम में तेजी लाई जाएगी। ग्राम पंचायतों को विशेष निर्देश दिए जाएंगे।
डॉ. संतोष बाल्मीक, जिला मनरेगा अधिकारी।