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कटनी

6 माह में बन जाना था 24 घंटे अस्पताल को निर्बाध बिजली देने वाला सब स्टेशन, पांच साल में भी नहीं हुआ पूरा

जबलपुर की कंपनी बना रही 370 केवीएस का सब स्टेशन, धीमी गति से बढ़ रही परेशानी, आद दिन बंद रहती है जिला अस्पताल की बिजलीपीआइयू, स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन के अफसर नहीं दे रहे ध्यान, मरीजों व परिजनों की समस्या से नहीं है कोई सरोकार, भीषण गर्मी में तड़प उठते हैं मरीज- 370 केवीए का बन रहा है बिद्युत सब स्टेशन- 150 बिस्तर के अस्पताल के साथ हुआ था स्वीकृत- 24 घंटे अस्पताल को बिजली देने की रहेगी सुविधा- 05 साल में भी नहीं बन पाया सब स्टेशन

कटनीJun 15, 2022 / 10:47 pm

balmeek pandey

6 माह में बन जाना था 24 घंटे अस्पताल को निर्बाध बिजली देने वाला सब स्टेशन, पांच साल में भी नहीं हुआ पूरा

6 माह में बन जाना था 24 घंटे अस्पताल को निर्बाध बिजली देने वाला सब स्टेशन, पांच साल में भी नहीं हुआ पूरा

कटनी. शहर में कभी भी ब्लैक आउट की स्थिति निर्मित हो जाती है, कई घंटे तक लोग हैरान-परेशान हो जाते हैं। हद तो तब हो जाती है जब जिला अस्पताल जैसे स्वास्थ्य केंद्र में जहां पर निर्बाध 24 घंटे बिजली देने की योजना है, वहां कई घंटे के लिए बिजली बंद रहती है। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि जिला अस्पताल परिसर में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के ठीक सामने 2018 में 370 केवीए का बिजली सब स्टेशन स्वीकृत हुआ। इसे पीआइयू द्वारा बनवाया जाना था। यह केंद्र छह माह के अंदर एक करोड़ आठ लाख रुपये की लागत से बनकर तैयार होना था, लेकिन पांच साल का समय बीतने के बाद भी नहीं बन पाया। सब स्टेशन बन जाने से एचटी लाइन से सीधा कनेक्शन होने से जिला अस्पताल को 24 घंटे बिजली मिलने की सुविधा मिल जाती। बता दें कि कंपनी को 30 अप्रैल 22 को इसे पूरा करना था, लेकिन नहीं कर पाई। विभाग द्वारा मियाद भी बढ़ाई गई। इसी माह में पूरा बनाना है, लेकिन अभी भी काम मंथर गति से चल रहा है।

दो बार बढ़ा समया, फिर भी नहीं बना स्टेशन
बता दें कि सब स्टेशन बनाने का काम पीइयू के माध्यम से शक्ति इस्टा स्ट्रक्चर जबलपुर की कंपनी कर रही है। कंपनी द्वारा समय से स्टेशन बनाकर नहीं दिया गया। छह माह में बनकर तैयार होने वाला यह स्टेशन अबतक अधूरा है। रिवाइज समय के अनुसार अप्रैल 22 में पूरा बना जाना था, लेकिन नहीं बन पाया। अब पीआइयू के अधिकारियों का दावा है कि जून 22 के आखिरी तक सब स्टेशन बनकर तैयार हो जाएगा।

 

ऐसे समझें अस्पताल की परेशानी
केस 01
शनिवार 11 जून को जिला अस्पताल की तीन घंटे तक बिजली गंद रही। बिजली गुल होने से आकस्मिक चिकित्सा इकाई कक्ष सहित कई वार्डों में अंधेरा छा गया। चिकित्सक व नर्सिंग स्टॉफ को टॉर्च की रोशनी में उपचार करना पड़ा। भीषण गर्मी से मरीज, परिजन व स्वास्थ अमला बेहाल हुआ।

केस 02
23 मई को जिला अस्पताल में जिला स्तरीय स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इसमें हजारों की संख्या में मरीज उपचार कराने के लिए पहुंचे। इस दिन भी दो घंटे से अधिक समय तक बिजली बंद रही। मोबाइल की टॉर्च जलाकर चिकित्सकों ने मरीजों की जांच की। गर्मी से भी हर कोई बेहाल रहा।

केस 03
21 मई की रात तेज अंधड़, बारिश के कारण पूरे शहर में ब्लैक आउट की स्थिति रही, जिसमें जिला अस्पताल भी शामिल रही। बिजली बंद होने से मरीज उमस से खासे परेशान हुए। नर्सिंग स्टॉफ को उपचार करने में भी समस्या हुई। कई घंटे बाद बिजली आपूर्ति बहाल हुई तबजाकर राहत मिली।

2018 में तैयार हुआ था इस्टीमेट
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार स्वास्थ्य संचालनालय को अवगत कराया जा रहा था कि अस्पताल की बिजली बार-बार बंद होती है। लो-वोलटेज की भी समस्या रहती है। इस पर विभाग ने हाईटेंशन लाइन स्टेशन की स्वीकृति दी थी। जनवरी 2018 में सब स्टेशन तैयार करने का प्रस्ताव बनकर तैयार हुआ था। उस समय 1 करोड़ 19 लाख 9 हजार 707 रुपए का इस्टीमेट तैयार किया गया था। स्टेशन की ड्राईंग और डिजाइन भी तैयार हो गई थी।

पीआइयू समय पर नहीं बनवा पाया स्टेशन
हाईटेंशन लाइन का स्टेशन पीडब्ल्यूडी विभाग का पीडब्लयूडी विद्युत एवं यांत्रिकी विभाग को तैयार करना था। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार 6 माह के अंदर सब स्टेशन बनकर तैयार हो जाना था, लेकिन पांच साल बाद भी स्टेशन नहीं बन पाया। पहले मिशन चौक में बनने वाले फ्लाइओवर की दुहाई दी जा रही थी उसके बनने के बाद जगह मिलने की स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। एक साल से अधिक समय से काम चल रहा है, लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं हो पाया।

खास-खास
– बिजली बंद होने से ऑपरेशन, मरीजों का गहन उपचार, एक्सरे, सोनोग्राफी, डायलिसिस, सीटी स्कैन जैसे कार्य होते हैं प्रभावित।
– बिजली गुल होने से बर्न वार्ड सहित अन्य वार्डों में हाई वोल्टेज से चलने वाले उपकरण नहीं करते काम।
– जनरेटर, यूपीएस, सौर ऊर्जा से सिर्फ इमरजेंसी उपकरण ही करते हैं काम, डॉक्टरों व नर्सिंग स्टॉफ को करना पड़ता है बिजली आने का इंतजार।
– रेलवे से परमिट लेकर कंपनी को करना होगा काम, दो से तीन बार बंद करनी होगी बिजली, पीआइयू के पत्राचार के बाद अभी नहीं मिली डेटे।
– रेलवे, एमपीईबी से संपर्क स्थापित कर दो-दो घंटे के लिए लेना पड़ेगा मेगा ब्लॉक, तब हो पाएगा सब स्टेशन का काम।
– पीइआयू के अधिकारियों का अजब तर्क, चुनाव ड्यूटी के कारण नहीं दे पा रहे हैं समय, जबकि 15 दिन पहले ही शुरू हुई है चुनाव की प्रक्रिया।

इनका कहना है
जिला अस्पताल परिसर में में 370 केवीए के सब स्टेशन बनाने का काम चल रहा है। रेलवे की लाइन भी है वहां पर, परिमिट लेकर काम किया जाना है। रेलवे को कई बार पत्राचार कर चुके हैं। परमिट मिलते ही काम कंपनी कराएगी। इसे अप्रैल माह में पूरा होना था, नहीं हुआ। अब जून माह में पूरा होने की संभावना है।
एसडी पटेल, एसडीओ पीआइयू।

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