यह बनी थी योजना
नगर निगम द्वारा झिंझरी और प्रेमनगर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4 हजार 312 आवासों का निर्माण कराया जाना था। दोनों ही योजनाओं में 3022.99 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे थे। झिंझरी में 7900 व प्रेमनगर में 4500 वर्गमीटर अलग-अलग जगह पर व्यवसायिक भूमि बेचकर राशि जुटाना था, लेकिन प्रक्रिया नहीं हो पाई और योजना फेल हो गई। अब इसे पूरा करने के लिए नई तरकीब अपनाई जा रही है। अब इस योजना के तहत बिल्डर्स या निविदाकार 384 एलआइजी व 192 एमआइजी फ्लैट बनाकर विक्रय करेगा। बता दें कि इनमें से अधिकांश फ्लैट आधे-अधूरे हैं।
नगर निगम द्वारा झिंझरी और प्रेमनगर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4 हजार 312 आवासों का निर्माण कराया जाना था। दोनों ही योजनाओं में 3022.99 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे थे। झिंझरी में 7900 व प्रेमनगर में 4500 वर्गमीटर अलग-अलग जगह पर व्यवसायिक भूमि बेचकर राशि जुटाना था, लेकिन प्रक्रिया नहीं हो पाई और योजना फेल हो गई। अब इसे पूरा करने के लिए नई तरकीब अपनाई जा रही है। अब इस योजना के तहत बिल्डर्स या निविदाकार 384 एलआइजी व 192 एमआइजी फ्लैट बनाकर विक्रय करेगा। बता दें कि इनमें से अधिकांश फ्लैट आधे-अधूरे हैं।
576 में खर्च हो रहे थे 35 करोड़
बताया जा रहा है कि शेष आधू-अधूरे बचे फ्लैटों के निर्माण में लगभग 35 करोड़ रुपए की लागत नगर निगम को आ रही थी। इसका आंकलन नगर निगम के अफसरों द्वारा भोपाल में नीति निर्धारकों से चर्चा कर की गई। गुजरात हाउसिंग से फीडबैक लेकर प्रि-विड की प्रक्रिया शुरू कराई गई है।
बताया जा रहा है कि शेष आधू-अधूरे बचे फ्लैटों के निर्माण में लगभग 35 करोड़ रुपए की लागत नगर निगम को आ रही थी। इसका आंकलन नगर निगम के अफसरों द्वारा भोपाल में नीति निर्धारकों से चर्चा कर की गई। गुजरात हाउसिंग से फीडबैक लेकर प्रि-विड की प्रक्रिया शुरू कराई गई है।
झिंझरी में यह तय हुई थी भवनों की कीमत
इडब्ल्यूएस- 2 लाख रुपए
एलआइजी- 16.50 लाख रुपए
एमआइजी- 25.25 लाख रुपए
व्यवसायिक- 11 हजार स्क्वायर मीटर। हमसफर एक्सप्रेस में चढ़े एक दर्जन बदमाश, दर्जनों यात्रियों से मारपीट कर की लूटपाट
इडब्ल्यूएस- 2 लाख रुपए
एलआइजी- 16.50 लाख रुपए
एमआइजी- 25.25 लाख रुपए
व्यवसायिक- 11 हजार स्क्वायर मीटर। हमसफर एक्सप्रेस में चढ़े एक दर्जन बदमाश, दर्जनों यात्रियों से मारपीट कर की लूटपाट
झिंझरी में यह होना था निर्माण
2017 की योजना के अनुसार झिंझरी में 1512 आवासों का निर्माण कराया जाना था। यहां पर इडब्ल्यूएस (कमजोर आय वर्ग के लोगों के लिए) के लिए 792 जिसमें जी/पी+3, एलआइजी के 384 पी+6 व एमआइजी के 336 पी+6 फ्लैट बनने थे। 113.05 करोड़ की टेंडर लागत व एग्रीमेंट लागत 117.46 करोड़ रुपए तय की गई थी। 30 नवंबर 2017 से 18 माह में काम पूरा कराया जाना था। इस काम का ठेका नगर निगम ने बीआरपी एसोसिएट को दिया, लेकिन ठेकेदार ने काम समय पर नहीं किया और योजना को पलीता लगा दिया।
2017 की योजना के अनुसार झिंझरी में 1512 आवासों का निर्माण कराया जाना था। यहां पर इडब्ल्यूएस (कमजोर आय वर्ग के लोगों के लिए) के लिए 792 जिसमें जी/पी+3, एलआइजी के 384 पी+6 व एमआइजी के 336 पी+6 फ्लैट बनने थे। 113.05 करोड़ की टेंडर लागत व एग्रीमेंट लागत 117.46 करोड़ रुपए तय की गई थी। 30 नवंबर 2017 से 18 माह में काम पूरा कराया जाना था। इस काम का ठेका नगर निगम ने बीआरपी एसोसिएट को दिया, लेकिन ठेकेदार ने काम समय पर नहीं किया और योजना को पलीता लगा दिया।
प्रेमनगर में भी नहीं पूरी हो पाई एलआइजी बिल्डिंग
प्रेमनगर में नगर निगम द्वारा शुरू कराई योजना आठ साल बाद मूर्त रूप नहीं ले पाई। योजना में 1412 इडब्ल्यूएस और 480 एलआइजी बिल्डिगों का निर्माण होना था। यहां पर सिर्फ इडब्ल्यूएस पर ही ठीक से काम हुआ, वहीं भी समय नहीं हो पाया। 900 से अधिक लोगों को फ्लैट का इंतजार है। एलआइजी की बिल्डिंग खंडहर खड़ी है। यहां पर कल्याण टोल कंपनी काम कर रही थी। अब एलआइजी भवनों का काम दूसरी निविदा लेने वाली कंपनी से नहीं कराया जाएगा।
प्रेमनगर में नगर निगम द्वारा शुरू कराई योजना आठ साल बाद मूर्त रूप नहीं ले पाई। योजना में 1412 इडब्ल्यूएस और 480 एलआइजी बिल्डिगों का निर्माण होना था। यहां पर सिर्फ इडब्ल्यूएस पर ही ठीक से काम हुआ, वहीं भी समय नहीं हो पाया। 900 से अधिक लोगों को फ्लैट का इंतजार है। एलआइजी की बिल्डिंग खंडहर खड़ी है। यहां पर कल्याण टोल कंपनी काम कर रही थी। अब एलआइजी भवनों का काम दूसरी निविदा लेने वाली कंपनी से नहीं कराया जाएगा।
परिषद की बैठक में जमकर गूंजी राष्ट्रीय समस्या बन गई ‘घंटाघर सडक़’
यह बनी थी प्रेमनगर में योजना
प्रेमनगर में 2800 पीएम आवास बनने थे। यहां पर इडब्ल्यूएस के 1744 जिसमें जी/पी+3, एलआइजी के 1056 पी+6 बनने थे, जिसकी टेंडर लागत 196.53 करोड़, एग्रीमेंट लागत 205.53 करोड़ तय हुई थी। 4 दिसंबर 17 को 24 महीने के लिए मियाद में कार्य पूर्ण होना था। यहां पर एलआइजी की कीम 16.30 लाख रुपए व व्यवसायिक भूमि की कीमत 10 हजार 500 रुपए स्क्वायरमीटर निर्धारित की गई थी।
यह बनी थी प्रेमनगर में योजना
प्रेमनगर में 2800 पीएम आवास बनने थे। यहां पर इडब्ल्यूएस के 1744 जिसमें जी/पी+3, एलआइजी के 1056 पी+6 बनने थे, जिसकी टेंडर लागत 196.53 करोड़, एग्रीमेंट लागत 205.53 करोड़ तय हुई थी। 4 दिसंबर 17 को 24 महीने के लिए मियाद में कार्य पूर्ण होना था। यहां पर एलआइजी की कीम 16.30 लाख रुपए व व्यवसायिक भूमि की कीमत 10 हजार 500 रुपए स्क्वायरमीटर निर्धारित की गई थी।
वर्जन
शहर में 384 एलआइजी व 192 एमआइजी फ्लैटों को पूरा कराने के लिए नए निर्णय के तहत इसे ठेके पर दिया जा रहा है। इसके लिए निविदा प्रक्रिया अपनाई गई है। 25 करोड़ रुपए में आधे-अधूरे फ्लैटों को तैयार कर विक्रय करने के लिए ऑक्शन किया गया है। लोगों को बेहतर फ्लैट मिलें, यह व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
नीलेश दुबे, आयुक्त नगर निगम।
शहर में 384 एलआइजी व 192 एमआइजी फ्लैटों को पूरा कराने के लिए नए निर्णय के तहत इसे ठेके पर दिया जा रहा है। इसके लिए निविदा प्रक्रिया अपनाई गई है। 25 करोड़ रुपए में आधे-अधूरे फ्लैटों को तैयार कर विक्रय करने के लिए ऑक्शन किया गया है। लोगों को बेहतर फ्लैट मिलें, यह व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
नीलेश दुबे, आयुक्त नगर निगम।