मिनट्स जारी होते ही होगा वर्क ऑर्डर
बता दें कि 13 मार्च की हुई बैठक के बाद जैसे ही मिनट्स जारी होते हैं उसके बाद बसों के लिए वर्क ऑडर जारी हो जाएगा। बस ऑपरेटर बस तैयार करेगा। खास बात तो यह कि इन बसों में प्राइवेट बसों से किराया कम रहेगा। साथ ही महानगरों की तर्ज पर शहर को विकसित करना के लिए यह पहल की जा रही है। शहर से अभी दो रूटों पर फिर अन्य रूटों पर भी बस चलाने के लिए पहल होगी। बता दें कि सिटी बस के लिए 28 जनवरी को हुई निविदा प्रक्रिया हुई थी। अब 100 दिवस के अंदर अनुबंध कर बसों का संचालन करना होगा।
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इन-इन तारीखों में हुए टेंडर
– 01 दिसंबर 2017
– 03 जनवरी 2018
– 3 फरवरी 2018
– 15 मार्च 2018
– 24 अप्रैल 2018
– 25 जून 2018
– 11 सितंबर 2019
– 09 दिसंबर 2019
– 28 जनवरी 2020
इस कारण योजना में हुई देरी
नगर निगम चार साल में सिटी बस नहीं चला पाया इसके पीछे की मुख्य वजह अनुबंध की शर्तें रही हैं। सिटी बस चलाने वाले बस ऑपरेटर का एक करोड़ रुपये का टर्नओवर होना अनिवार्य किया गया था। इसके अलावा 6 बसों का दो साल तक परमिट, बस ऑपरेटर की फर्म रजिस्टर्ड होना आवश्यक किया गया था, इसके चलते बसों के संचालन में देरी हुई। इसके अलावा तत्कालीन अधिकारी व जनप्रतिनिधि भी रुचि नहीं ले रहे थे।
इनका कहना है
सिटी बस के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई है। विभाग से भी प्रस्ताव पर स्वीकृति मिल गई है। अब शीघ्र ही वर्क ऑर्डर के बाद बसों के संचालन का प्रक्रिया शुरू होगी। बस ऑपरेटर से भी लगातार संपर्क किया जा रहा है।
शैलेंद्र शुक्ला, अधीक्षण यंत्री नगर निगम।