सुरक्षा पर खड़े हो रहे सवाल
भले ही आरपीएफ और जीआरपी सुरक्षा के लिए लगातार प्रयास करने का दावा कर रही हो, लेकिन बदमाशों के बढ़ते हौसले यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रहे हैं। बदमाश दुस्साहस करते हुए पुलिस पर ही हमला करने लगे हैं। पूर्व में ही गंभीर वारदात हो चुकी हैं। जरूरत है कि यात्रियों को अधिक सतर्क किया जाए, प्रशासन को और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। हर जिम्मेदार विभाग को यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि रखनी होगी।
भले ही आरपीएफ और जीआरपी सुरक्षा के लिए लगातार प्रयास करने का दावा कर रही हो, लेकिन बदमाशों के बढ़ते हौसले यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रहे हैं। बदमाश दुस्साहस करते हुए पुलिस पर ही हमला करने लगे हैं। पूर्व में ही गंभीर वारदात हो चुकी हैं। जरूरत है कि यात्रियों को अधिक सतर्क किया जाए, प्रशासन को और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। हर जिम्मेदार विभाग को यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि रखनी होगी।
जीआरपी में 40 फीसदी स्टॉफ की कमी
सुरक्षा में ढील की मुख्य वजहों में से जीआरपी थाने में स्टॉफ की कमी भी प्रमुख कारण हैं। यहां पर 92 अधिकारी-कर्मचारियों का स्टॉफ स्वीकृत है, लेकिन तैनाती सिर्फ 59 लोगों की है। 10 उप निरीक्षक के स्थान पर सिर्फ 2, 13 सहायक उप निरीक्षक के स्थान पर सिर्फ 7, 18 प्रधान आरक्षक के स्थान पर 17 व 50 आरक्षक के स्वीकृत पद के विरुद्ध 32 की ही तैनाती है।
सुरक्षा में ढील की मुख्य वजहों में से जीआरपी थाने में स्टॉफ की कमी भी प्रमुख कारण हैं। यहां पर 92 अधिकारी-कर्मचारियों का स्टॉफ स्वीकृत है, लेकिन तैनाती सिर्फ 59 लोगों की है। 10 उप निरीक्षक के स्थान पर सिर्फ 2, 13 सहायक उप निरीक्षक के स्थान पर सिर्फ 7, 18 प्रधान आरक्षक के स्थान पर 17 व 50 आरक्षक के स्वीकृत पद के विरुद्ध 32 की ही तैनाती है।
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कैमरों के प्रस्ताव पर नहीं अमल, 6 पड़े बंद
जीआरपी द्वारा स्टेशनों के आउटर में 30 से अधिक कैमरे लगाए जाने का प्रस्ताव बनाया गया था। अबतक सिर्फ 16 कैमरे ही लगे हैं, जिनमें से 6 कैमरे बंद पड़े हैं। इनमें से चार कैमरों को बदमाशों ने चोरी कर लिया था, ताकि वे आसानी से घटनाओं को अंजाम दे पाएं, जिन्हें जीआरपी ने एक बदमाश के पास से जब्त कर लिया है। 20 और कैमरे लगाने की योजना ठंडे बस्ते में है। बता दें कि आउटर में कैमरे लगने से घटनाओं में बड़ा ब्रेक लगा है, इसके बाद भी रेलवे व पुलिस मुख्यालय सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है।
कैमरों के प्रस्ताव पर नहीं अमल, 6 पड़े बंद
जीआरपी द्वारा स्टेशनों के आउटर में 30 से अधिक कैमरे लगाए जाने का प्रस्ताव बनाया गया था। अबतक सिर्फ 16 कैमरे ही लगे हैं, जिनमें से 6 कैमरे बंद पड़े हैं। इनमें से चार कैमरों को बदमाशों ने चोरी कर लिया था, ताकि वे आसानी से घटनाओं को अंजाम दे पाएं, जिन्हें जीआरपी ने एक बदमाश के पास से जब्त कर लिया है। 20 और कैमरे लगाने की योजना ठंडे बस्ते में है। बता दें कि आउटर में कैमरे लगने से घटनाओं में बड़ा ब्रेक लगा है, इसके बाद भी रेलवे व पुलिस मुख्यालय सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है।
ये है कटनी जंक्शन के खतरनाक आउटर
आउटर में बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) खिरहनी फाटक और अधारकाप बस्ती के समीप अस्थाई चौकी स्थापित कर आरक्षकों को तैनात किया गया है। ट्रेनों की 24 घंटे पेट्रोलिंग कराई जा रही है। रात में टॉर्च की रोशनी से आउटर क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। हालांकि इन दिनों बल के प्रयागराज जाने से निगरानी में चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। लगातार निगरानी व कार्रवाई के बाद भी बदमाश अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे।
- कटनी जंक्शन से सतना की ओर वेंकट वार्ड क्षेत्र व अधारकाप
- कटनी स्टेशन से मुड़वारा रेलवे स्टेशन के बीच
- कटनी स्टेशन से गायत्रीनगर, हंप गेट व एनकेजे तक
- साउथ रेलवे स्टेशन से मुड़वारा रेलवे स्टेशन के बीच
- साउथ रेलवे स्टेशन से एनकेजे यार्ड तक
आउटर में बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) खिरहनी फाटक और अधारकाप बस्ती के समीप अस्थाई चौकी स्थापित कर आरक्षकों को तैनात किया गया है। ट्रेनों की 24 घंटे पेट्रोलिंग कराई जा रही है। रात में टॉर्च की रोशनी से आउटर क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। हालांकि इन दिनों बल के प्रयागराज जाने से निगरानी में चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। लगातार निगरानी व कार्रवाई के बाद भी बदमाश अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे।
कैसे देते हैं बदमाश वारदात को अंजाम…
चोर स्टेशन से एक-दो स्टेशन पहले ट्रेन में चढ़ जाते हैं और यात्रियों पर नजर रखते हैं। जैसे ही ट्रेन कटनी जंक्शन, मुड़वारा स्टेशन या साउथ रेलवे स्टेशन पहुंचती है, बदमाश अपना काम कर फरार हो जाते हैं। खिरहनी फाटक क्षेत्र बदमाशों का प्रमुख ठिकाना बन गया है। यहां ट्रेनों के धीमी होते ही गेट और खिडक़ी के पास बैठे यात्रियों पर डंडा मारकर या झपट्टा मारकर मोबाइल और अन्य सामान छीनकर रफुचक्कर हो जाते हैं। इसके अलावा ट्रेनों में सीट आरक्षित कराकर भी बदमाश वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। वारदातों में नाबालिगों को भी शामिल किए रहते हैं, ताकि पकड़े जाने पर कार्रवाई में राहत मिल जाए।
चोर स्टेशन से एक-दो स्टेशन पहले ट्रेन में चढ़ जाते हैं और यात्रियों पर नजर रखते हैं। जैसे ही ट्रेन कटनी जंक्शन, मुड़वारा स्टेशन या साउथ रेलवे स्टेशन पहुंचती है, बदमाश अपना काम कर फरार हो जाते हैं। खिरहनी फाटक क्षेत्र बदमाशों का प्रमुख ठिकाना बन गया है। यहां ट्रेनों के धीमी होते ही गेट और खिडक़ी के पास बैठे यात्रियों पर डंडा मारकर या झपट्टा मारकर मोबाइल और अन्य सामान छीनकर रफुचक्कर हो जाते हैं। इसके अलावा ट्रेनों में सीट आरक्षित कराकर भी बदमाश वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। वारदातों में नाबालिगों को भी शामिल किए रहते हैं, ताकि पकड़े जाने पर कार्रवाई में राहत मिल जाए।
यात्रियों के लिए सुझाव
- आउटर क्षेत्रों में ट्रेन धीमी होने पर खिड़कियों के पास न बैठें।
- मोबाइल और कीमती सामान छिपाकर या फिर निगरानी में रखें।
- संदिग्ध गतिविधियां दिखने पर तत्काल आरपीएफ या जीआरपी को सूचित करें।
- अपरिचित यात्री से संपर्क न बढ़ाएं, सामग्री का उपयोग न करें।
- किसी भी घटना पर तत्काल रेलवे कंट्रोल को सूचना दें।
स्थानीय पुलिस बच रही जिम्मेदारी से
बदमाश व लुटेरों ने रेलवे क्षेत्र को सुरक्षित ठिकाना बना लिया है। दिनदहाड़े व रात में आसानी से वारदात को अंजाम देकर भाग निकलते हैं। दूसरी ओर मप्र पुलिस घटनास्थल जीआरपी का होना बताकर अपनी जिम्मेदारी से बच निकलती है। जबकि बदमाश रेलवे क्षेत्र के बाहर ही वारदात की प्लानिंग, ट्रेनों की रैकी व आसपास के क्षेत्रों में निवास कर रहे है और वारदात कर रहे हैं। घटनाओं को रोकने जीआरपी, आरपीएफ के साथ समन्वय प्रयास से अपराधों पर लगाम लगाना होगा।
बदमाश व लुटेरों ने रेलवे क्षेत्र को सुरक्षित ठिकाना बना लिया है। दिनदहाड़े व रात में आसानी से वारदात को अंजाम देकर भाग निकलते हैं। दूसरी ओर मप्र पुलिस घटनास्थल जीआरपी का होना बताकर अपनी जिम्मेदारी से बच निकलती है। जबकि बदमाश रेलवे क्षेत्र के बाहर ही वारदात की प्लानिंग, ट्रेनों की रैकी व आसपास के क्षेत्रों में निवास कर रहे है और वारदात कर रहे हैं। घटनाओं को रोकने जीआरपी, आरपीएफ के साथ समन्वय प्रयास से अपराधों पर लगाम लगाना होगा।
यह हो चुकी हैं गंभीर घटनाएं
कटनी स्टेशन के आउटर में हो रहीं घटनाएं गंभीर हैं। जीआरपी पर हमला गंभीर विषय है। अपराधिक घटनाओं को इनको रोकने के लिए समीक्षा की जाएगी। सुरक्षा उपायों को लेकर आवश्यक पहल होगी। सीसीटी कैमरे बढ़ाए जाएंगे। आरपीएफ, जीआपी पुलिस चौकसी बरते, यह व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी।
कमल कुमार तलरेजा, डीआरएम।
- 9 जुलाई 23 को महेश कुमार कोल (22) निवासी नादनटोला थाना अमदरा जिला सतना का बदमाशों ने लूट लिया था मोबाइल, पीछा करने पर चाकुओं से गोदकर कर दी थी हत्या।
- 20 दिसंबर 23 को जनता एक्सप्रेस में यात्री अमित सिंह से बदमाश मोबाइल छीनकर कूद गया। धक्का लगने से अमित भी गिरकर घायल हो गया।
- 19 दिसंबर 23 को रीवा-जबलपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस में सवार यात्री राजकुमार चौहान को बदमाश ने धक्का देकर मोबाइल छीन लिया। गिरने से यात्री का एक पैर ट्रेन की चपेट में आकर कट गया।
- 17 जनवरी 25 की रात लूट करने ट्रेन में चढ़े बदमाश, जीआरपी ने खदेड़ा तो कर कर दिया राड से हमला, दो आरक्षक हुए हैं घायल।
कटनी स्टेशन के आउटर में हो रहीं घटनाएं गंभीर हैं। जीआरपी पर हमला गंभीर विषय है। अपराधिक घटनाओं को इनको रोकने के लिए समीक्षा की जाएगी। सुरक्षा उपायों को लेकर आवश्यक पहल होगी। सीसीटी कैमरे बढ़ाए जाएंगे। आरपीएफ, जीआपी पुलिस चौकसी बरते, यह व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाएगी।
कमल कुमार तलरेजा, डीआरएम।