scriptविद्यार्थियों की परीक्षा में दूल्हा-दुल्हन बन रहे सबसे बड़े बाधक, जानिए क्या है माजरा | Impact of getting children examined by sound | Patrika News
कटनी

विद्यार्थियों की परीक्षा में दूल्हा-दुल्हन बन रहे सबसे बड़े बाधक, जानिए क्या है माजरा

शादी के सीजन में मैरिज गार्डन, प्रतिबंध के बाद भी धड़ल्ले से तेज आवाज में बज रहे डीजे

कटनीFeb 16, 2018 / 11:04 am

balmeek pandey

Impact of getting children examined by sound

Impact of getting children examined by sound

कटनी. स्टूडेंट्स की पढ़ाई का महत्वपूर्ण सीजन शुरू हो गया है और शहर का शोरगुल उनकी पढ़ाई में खलल पैदा कर रहा। कलेक्टर ने डीजे साउंड को प्रतिबंधित तो कर दिया है, लेकिन शादियों के सीजन में डीजे का शोरगुल लोगों की परेशानी का सबब बन रहा है। देर रात तक शहर के मैरिज गार्डनों में तेज आवाज के साथ बजने वाले डीजे से जहां एक ओर छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। आसपास के लोग चैन की नींद भी नहीं सो पा रहे हैं। नियमानुसार रात को 10 बजे के बाद डीजे का शोरगुल नहीं होना चाहिए और वह भी केवल एक साउंड बाक्स और स्पीकर लगाकर लेकिन हो रहा है इसके विपरीत। डीजे में 10-10 बाक्स लगाकर रात 12 बजे के बाद तक डीजे का शोरगुल सुना जा सकता है। ऐसा नहीं है कि इन डीजे वालों से सिर्फ आमजन परेशान हैं, बल्कि जनप्रतिनिधि भी इससे अछूते नहीं है। बीते दिनों नगरनिगम नेताप्रतिपक्ष मिथलेश जैन ने विश्रामबाबा स्थित मैरिज गार्डन में मनमाने साउंड की शिकायत एसपी से की थी।

READ ALSO: एक करोड़ मिलने के बाद भी नहीं बनी स्कूल बिल्डिंग, अव्यवस्था के बीच पढऩे को मजबूर बच्चे, इन्होंने बरती लापरवाही

 

ज्यादा शोरगुल से ये होती हैं परेशानियां
शासकीय जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डा. एसके शर्मा के मुताबिक न्वाइस पाल्युशन सबसे खतरनाक है। ज्यादा शोरगुल होने से लोगों में चिड़चिड़ाहटपन, गुस्सा, इरीटेशन, हाईपरटेंशन, ब्लड प्रेशर, कम सुनाई देना, अनिद्रा और हृदय रोग संबंधी परेशानी हो सकती है। स्थाई रूप से बहरेपन की भी आशंका बनी रहती है।

किस क्षेत्र में कितने डेसीबल शोरगुल
संबंधित क्षेत्र दिन में रात में
रहवासी 55 45
व्यवसायिक 65 55
औद्योगिक 75 70
साइलेंस जोन 50 40

किससे कितने डेसीबल होता है शोर
अलार्म क्लार्क 80 डेसीबल
आपसी बातचीत 60 डेसीबल
डीजल ट्रक साउंड 95 डेसीबल
इमरजेंसी सायरन 115 डेसीबल
पटाखा 145 से 150 डेसीबल
12 बोर बंदूक 160 डेसीबल
डीजे साउथ 1८0 डेसीबल

READ ALSO: मरीजों की जान बचाने इस अस्पताल के दावे खोखले, हैरान कर देगी खबर

ये हैं नियम

मप्र कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 के अंतर्गत शोरगुल पर लगाम कसने के लिए नियम बनाए गए हैं जिनके अनुसार –
– धारा 4 के अनुसार रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक तेज संगीत नहीं बजाया जा सकता।
– धारा 7 के अनुसार कोलाहल को फैलने से रोकने के लिए लाउडस्पीकर को लकड़ी के केबीनेट में बंद करना जरूरी है।
– धारा 15 के अंतर्गत नियमों का उल्लंघन करने वाले को 6 माह का कारावास और 1 हजार रुपए जुर्माने की सजा है।

इनकी चल रही परीक्षाएं
कक्षा ९वीं और ११वीं की परीक्षाएं शुरू हो चुकी है। छात्र पढ़ाई कर एक्जाम दे रहे हैं। कक्षा १०वीं की परीक्षा १ मार्च और १२वीं की परीक्षाएं ३ मार्च से शुरू होने जा रही हैं।

READ ALSO: इन रास्तों से गुजरने के पहले पढ़ें ये खबर, ये जानवर कर रहे जानलेवा हमला

पुलिस से कर सकते हैं शिकायत
डीजे रात 10 बजे के बाद पूरी तरह से प्रतिबंधित है। उसमें भी केवल एक बाक्स अथवा स्पीकर एलाऊ रहता है। इससे ज्यादा प्रयोग करने पर कार्रवाई होती है। यदि कोई व्यक्ति डीजे संचालकों के खिलाफ शिकायत करता है तो कोलाहल अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। समस्या होने पर लोग स्थानीय पुलिस से शिकायत कर सकते हैं, पुलिस भी कार्रवाई के लिए अधिकृत है।
राजेन्द्र पटेल, एसडीएम, कटनी

Hindi News / Katni / विद्यार्थियों की परीक्षा में दूल्हा-दुल्हन बन रहे सबसे बड़े बाधक, जानिए क्या है माजरा

ट्रेंडिंग वीडियो