मेले की खास बात यह रही कि माता-पिता स्कूल पहुंचे और अपने बेटे की पाठशाला में कैसे और किन सुविधाओं के बीच पढ़ाई होती है, यह देखा। टीम द्वारा अभिभावकों को बताया गया कि आपके बेटी व बेटे का बौद्धिक व शारीरिक विकास कैसे किया जाता है। बता दें कि 2024 में 9 फरवरी व 13 सितंबर 2023 को मेला आयोजित किया गया। मेले का असर यह हुआ कि सितंबर-23 में 5 प्रतिशत व फरवरी-24 में 8 प्रतिशत उपस्थिति स्कूलों में बढ़ी। इस वर्ष और बेहतर परिणाम आने के संकेत हैं। दो मेलों का आयोजन विगत दो वर्ष में हो चुका है। यह जिले में तीसरा मेला लगाया गया है।
यह है जिले की स्थिति
2022 में कटनी में निपुण बच्चों की संख्या मात्र 5 प्रतिशत थी। फरवरी-24 में कक्षा 2 में 11 प्रतिशत साक्षरता में रही व कक्षा 3 में 22 प्रतिशत परिणाम रहा। गणित का परिणाम कम था, जो मात्र 7 प्रतिशत रहा। इसे बढ़ाने कवायद जारी है। कक्षा 3 में हिंदी में 45 शब्द प्रतिमिनट, गणित में 9 हजार 999 तक की संख्याएं, हासिल वाला घटाना व गुणा कर पाएं, यह तय किया गया है। 2023 में के अगस्त में एमपी शिक्षा एप लांच हुआ, दिसंबर तक 3 हजार 308 निरीक्षण सीएसी, बीएससी, बीआरसी, एपीसी, डीपीसी ने किया। यह पोर्टल में दर्ज किया गया। जनवरी 2024 से लेकर नवंबर तक 8 हजार से अधिक विजिट हुईं हैं।
भारत सरकार द्वारा देश की शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू की गई। इसके अंतर्गत मैटेरियल, पुस्तकें तैयार कर 2022 में बेसलाइन टेस्ट हुआ और 2023 से अभियान चालू किया गया। इसके अंतर्गत केंद्र का निपुन भारत मिशन व राज्य सरकार मिशन अंकुर अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य कक्षा 1, 2, 3 के बच्चों को भाषा का कौशल, गणित की समझ का विकास करना है। जिसके सारगर्भित परिणाम सामने आने लगे हैं।
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इस पहल से बदल सकती है तस्वीर…
कटनी जिले में बच्चों का भविष्य संवारने के लिए अभिभावकों का पलायन रोकना होगा, क्योंकि इनके साथ बच्चो भी चले जाते हैं। स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ानी होगी, शिक्षकों की उपस्थिति नियमित सुनिश्चित करनी होगी, शिक्षक बेहतर तरीके से पढ़ाएं, शिक्षकों से गैर शिक्षकीय कार्य न कराए जाएं, स्कूलों में पर्याप्त सुविधाओं में बेहतर बिल्डिंग, फर्नीचरण, शुद्ध पेयजल, रोशनी, सुरक्षा, पार्क, खेल मैदान सहित सभी बुनियादी सुविधाएं मुहैया करानी होंगी। इसके अलावा ब्लॉक, जिले के अधिकारियों को औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की नब्ज टटोलनी होगी।
डीपीसी केके डहेरिया व निपुण प्रोफेशनल शैलजा तिवारी ने बताया कि एफएलएन का बेसलाइन असिस्टमेंट फरवरी के आखिरी सप्ताह में या फिर मार्च में होगा। बच्चों को असिस्टमेंट होगा कि इन सब पहल से अब कितना सुधार आया है। कटनी में इस साल कक्षा 2 का 50 प्रतिशत लक्ष्य बच्चों को निपुण करने रखा गया है, कि बच्चे पुस्तक पढ़ पाएं, जोड़-घटाना हल कर पाएं, 35 शब्द प्रतिमिनट पढ़ पाएं, कक्षा दो में 999 तक की संख्या पढ़ पाए, हासिये के साथ जोड़ कर पाए।