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सियासी घमासान के बीच कर्जमाफी के असमंजस में फंसे हजारों किसान, बोनस पर भी मंडरा रहा संकट

प्रदेश की सरकार में बढ़ी उथल-पुथल ने जिले के किसानों में भी असमंजस की स्थित को पैदा कर दिया है। अब किसानों को चिंता सताने लगी है कि कहीं इस ड्रामे में वो न फंस जाएं। बता दें कि जिले में दूसरे फेज की फसल ऋण माफी के लिये 53 करोड़ 75 लाख रूपये की स्वीकृति के बाद इस माह चयनित किसानों का कर्ज माफ होना था जो अब रूक गया हैं। दूसरे चरण में सत्यापन में 9 हजार 748 किसान सामने आए हैं।

कटनीMar 14, 2020 / 09:54 am

balmeek pandey

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कटनी. प्रदेश की सरकार में बढ़ी उथल-पुथल ने जिले के किसानों में भी असमंजस की स्थित को पैदा कर दिया है। अब किसानों को चिंता सताने लगी है कि कहीं इस ड्रामे में वो न फंस जाएं। बता दें कि जिले में दूसरे फेज की फसल ऋण माफी के लिये 53 करोड़ 75 लाख रूपये की स्वीकृति के बाद इस माह चयनित किसानों का कर्ज माफ होना था जो अब रूक गया हैं। दूसरे चरण में सत्यापन में 9 हजार 748 किसान सामने आए हैं। इनमें तीन चरणों में पहले चरण में 4 हजार 216 किसान, दूसरे चरण में 537 किसान व तीसरे चरण में 4 हजार 188 किसान सामने आए हैं। कुल किसान 9 हजार 337 हैं जिनका 53 करोड़ा 75 लाख रुपये का कर्ज माफ होना है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व में पिछले वर्ष कांग्रेस सरकार ने कार्यभार संभाला था। सरकार के मुखिया कमलनाथ ने पदभार ग्रहण करने के साथ ही प्रदेश के कृषकों के कर्जमाफी की घोषणा की गई। इतने लंबे अंतराल में जिले में पहले फेज में ही कर्जमाफी हो पाई है, जबकि अन्य जिलों में दूसरे फेज में भी कई किसानों की कर्जमाफी हो गई है। 9 मार्च से भोपाल में चल रही सियासी उठापटक के कारण अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं।

 

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यह है द्वितीय फेज की स्थिति
कटनी जिले में जय किसान फसल ऋण माफी योजना के तहत द्वितीय फेज के लिए 50 हजार तक के ऋण माफ कराने के लिए 9 हजार 748 कृषकों द्वारा आवेदन दिए हैं। इनमें से 9337 प्रकरणों को स्वीकृति भी प्रदान कर दी गयी थी। ऋणी कृषकों के 53 करोड़ 75 लाख के ऋण माफ करने राशि भी मंजूर हो गई थी। कृषकों को फण माफी संबंधी प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए कार्यक्रम के आयोजन के संबंध में प्रभारी मंत्री प्रियव्रत सिंह को पत्र भी भेजा जा चुका था। कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री को विधायकों के साथ प्रमाण पत्र वितरित कर कृषकों को योजना से लाभांवित करना था लेकिन फिलहाल कार्यक्रम अटक गया है।

 

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यह है पहले चरण का स्थिति
फसल ऋण माफी योजना के पहले चरण में पिछले वर्ष 2 लाख तक के चालू खातें वाले 50 हजार तक के एवं कालातीत ऋण लेने वाले 23 हजार 39 कृषकों के 68 करोड़ रूपये के ऋण माफ हो चुके हैं और उन्हें ऋण माफी संबंधी प्रमाण पत्र भी वितरित किया जा चुका है। लेकिन द्वितीय फेज के तहत ऋण माफी योजना लटक जाने से संबंधित कृषक चिंतित हैं। द्वितीय फेज कटनी जिले में लटका है। वहीं तृतीय फेज के भविष्य पर भी संकट मंडरा रहा है। तृतीय फेज के तहत कृषकों के चालू खाते के 1 लाख रूपये तक के ऋण माफ होना है।

 

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22601 किसानों को मिलेगा 160 रूपये प्रति क्विंटल बोनस
सरकार ने रबी सीजन 18-19 में किसानों को समर्थन मूल्य पर बेचे गए गेंहू पर 160 रूपये प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा की थी। उसी बीच कृषि विभाग ने गत वर्ष सितम्बर माह में शासन के निर्देश पर जिले का मांग पत्र शासन को सौंपा था, जिसकी स्वीकृति तो हुई, लेकिन इसमें भी संशय मंडरा रहा है। बता दें कि रबी सीजन 18-19 में जिले भर में 22 हजार 601 किसानों से 15 लाख 24 हजार 793.40 क्विंटल गेंहू की खरीदी की गई थी। कृषि विभाग ने इस पर 160 रूपये प्रति क्विंटल बोनस राशि देने प्रस्ताव बनाया। प्रस्ताव में 24 करोड़ 39 लाख 66 हजार 871 रूपये का मांग पत्र राज्य सरकार को भेजा था। वहीं कृषि विभाग ने बोनस राशि के मांग पत्र की बात स्वीकार की हैं, लेकिन शासन स्तर पर स्वीकृति से इंकार किया है।

इनका कहना है
जिले में द्वितीय फेज की ऋण माफी की प्रक्रिया पूरी हो गइ ्रहै। 9 हजार 337 किसानों की ऋण माफी के प्रकरण स्वीकृत हुए हैं, जिसमें किसानों का 53 करोड़ 75 लाख रूपये माफ होना है। तहसील स्तर पर कार्यक्रम होने थे, जो अभी रुक गए हैं।
एके राठौर, उपसंचालक कृषि।

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