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आरटीजीएस सुविधा होने के बाद भी नहीं मिल रहा लाभ
आज के आधुनिकीकरण युग में भी बाकल बैंक आदिकाल युग के हिसाब से संचालित है। एक और प्रधानमंत्री देश को डिजिटल इंडिया बनाने के लिए तरह-तरह की योजनाएं संचालित कर रहे हैं तो वहीं बाकल की जिला सहकारी बैंक में डिजिटल नाम का कोई शब्द नहीं जानता। यहां आज भी लाइन लगाकर विड्रॉल भरकर ही राशि का आहरण किया जा रहा है। किसानों द्वारा आरटीजीएस कराने पर उनका पैसा ट्रांसफर नहीं किया जा रहा, जबकि बैंक भवन में एक बड़ा बोर्ड लगाया गया है, जिसमें बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है कि, हमारे यहां आरटीजीएस सुविधा उपलब्ध है। बैंक की इस व्यवस्था से डिजिटल इंडिया के सपने की पोल खोल कर रख दी है।
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कोविड नियमों की उड़ी धज्जियां
प्रदेशभर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, कटनी जिले भी अब पुनः कोरोना ने दस्तक दे दी है, जिसे लेकर कटनी कलेक्टर ने गाइडलाइन भी जारी कर दी है। जारी गाइडलाइन के अनुसार, मास्क लगाना अनिवार्य है। साथ ही, सोशल डिस्टेंस का भी पालन करना सुनिश्चित किया गया है, लेकिन बाकल सहकारी बैंक में कोरोना गाइडलाइन की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। जहां न सेनिटाइजर का उपयोग किया जा रहा है और ना ही दो गज की दूरी का ख्याल रखा जा रहा है। कुल मिलाकर बैंक में कोविड नियमों और कलेक्टर द्वारा जारी गाइडलाइन को बैंक प्रबंधन द्वारा धता दिखाते हुए आदेश को ठेंगा दिखाया जा रहा है।
इनका है कहना
बहोरीबंद-रीठी विधानसभा के विधायक प्रणय पांडेय का कहना है कि, पैसे अधिक उपलब्ध कराने के विषय में मेरी विभाग के उच्चाधिकारियों से बात हुई थी। मगर आरटीजीएस क्यों नही हो रहा है इस संबंध में पता लगाऊंगा, ताकि मेरे क्षेत्र के किसान परेशान न हों।