कटनी. जिला मुख्यालय से संचालित जिन बसों में परिवहन विभाग ने आपातकालीन खिड़कियां खुलवाई थीं, वहां अब सीटें नजर आ रही हैं। बसों में किराया सूची नदारद है और अग्नि शामक यंत्रों का पता नहीं है। बसों में प्राथमिक उपचार के लिए अलग से बाक्स लगाने के भी निर्देश विभाग ने जारी किए थे लेकिन अधिकांश बसों में दुर्घटना के दौरान प्राथमिक उपचार की सामग्री ही उपलब्ध नहीं रहती है। दुर्घटना होने पर मौके पर पहुंचने वाली 108 एम्बुलेंस में मौजूद स्टाफ ही प्राथमिक उपचार करते हैं। यदि बसों में नियम-कायदों का पालन किया जाए तो पीडि़त को मौके पर ही मदद मिल सकती है। उल्लेखनीय है कि पुलिस व परिवहन विभाग द्वारा 1 सितंबर से बसों में नियमों का पालन करने संयुक्त अभियान शुरू किया जाना है। सड़कों पर दौड़ रही पुरानी खटारा बसों में अव्वल तो पूरे कांच नहीं लगे होते हैं। इसके कारण ठंड, बारिश और गर्मी के थपेड़ों से यात्रियों को बस में बैठे होने के बाद भी जूझना पड़ता है। उस पर मामूली कारणों से कहीं पर भी इन बसों के रुकने के कारण यात्रियों के समय की बर्बादी भी होती है। इसके कारण कई बार दुर्घटना का अंदेशा भी रहता है।यात्री बसों में लगेज को लेकर भी जमकर मनमानी की जा रही है। बसों के ऊपर बड़े-बड़े बक्से व अन्य सामान रखकर उसका परिवहन किया जा रहा है। कई बार तो ये सामान बिजली के तारों से टकराने का खतरा बना रहता है। ऐसा नहीं है कि ये बसें किसी सुरक्षित रास्तों से गुजरती हैं। बसें भीड़ भाड़ वाले इलाकों से होकर गुजरती हैं, जिनमें पुलिस हमेशा मौजूद रहती है। जैसे बस स्टैंड, आजाद चौक, चांडक चौक, मिशन चौक, बरगवां आदि। फिर भी पुलिस का ध्यान बसों के ऊपर लदे सामान पर नहीं जाता है। खतरे में डाल रहे जिंदगी चंद रुपयों के लालच में बस कंडक्टर यात्रियों की जिंदगी खतरे में डाल रहे हैं। परिवहन विभाग के नियमों की अनदेखी की जा रही है। नियम तो यह है कि कोई भी ज्वलनशील पदार्थ बस में न रखें। लेकिन डिक्की और छत पर घरेलू गैस सिलेंडर, केरोसिन, डीजल व पेट्रोल की कुप्पियां ढोई जा रही हैं। हैरत की बात है कि खतरे से बस संचालक बेपरवाह हैं। बसों में अग्निशमन यंत्र नहीं रखे जा रहे हैं। कुछ बसों में ऐसे उपकरण लगे हैं, जिनकी एक्सपायरी डेट निकल गई है। यात्रियों का कहना है कि अग्निशमन उपकरण बस में हो तो अचानक चलती गाड़ी में आग लग जाने पर तुरंत आग बुझाई जा सकती है। कड़ी कार्रवाई करेंगे जिला परिवहन अधिकारी एमडी मिश्रा ने बताया कि पुलिस व परिवहन विभाग द्वारा 1 सितम्बर से बसों में नियमों का पालन करने संयुक्त अभियान शुरू किया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत शासन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन न करने वाले बस संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।