विभाग की जारी मनमानी
वृद्ध ने बताया कि वह हर माह रीडिंग अनुसार समय पर बिल जमा कर रहा था। मार्च 19 के महीने में 732 रुपये बिल आया। इसको जमा कर दिया। अप्रैल माह में एक लाख 48 हजार 90 रुपये आ गया। 20 मई को एक लाख 50 हजार 41 रुपये हो गया। इसके बाद 26 जून को एक लाख 52 हजार 16 रुपये बिल थमा दिया गया। इसके बाद कपूरचंद कार्यालय गया। समस्या बताई। अधिकारियों ने बिल में सुधार किया और 18 जुलाई 12 हजार 803 रुपये बिल कर कर दिया गया। इसमें कपूरचंद ने 6 हजार 481 रुपये जमा कर दिए। 19 अगस्त 19 को कपूरचंद को 15 हजार 444 रुपये का बिल भेज दिया। इसमें 8 हजार रुपये से अधिक सुरक्षा निधी लगा दी। इसके बाद भी 7 हजार 27 रुपये जमा किया। रुपये जमा करने के बाद भी अगस्त माह में कनेक्शन काट दिया गया। मिन्नत करने पर कनेक्शन तो जोड़ दिया गया, लेकिन 17 सितंबर को 16 हजार 742 रुपये का बिल फिर भेज दिया गया है।
इनका कहना है
उपभोक्ता का एक लाख 48 हजार रुपये के ऊपर बिल आया था। उसमें छूट देकर उसे 12 हजार कर दिया गया है। 16 हजार रुपये से अधिक सुरक्षा निधि जमा करनी होगी। कनेक्शन कटा था, अब चालू है। बिल व खपत के अनुसार सुरक्षा निधि लगती है।
दिलदार डाबर, कनिष्ट अभियंता, स्लीमनाबाद।
यहां भी यही हाल
बडग़ांव. आम उपभोक्ताओं को अक्सर उनकी बिजली की खपत से ज्यादा बिल भेजने वाला विभाग एकबार फिर सुर्खियों में है। एक साधारण बिजली उपभोक्ता को मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी की ओर से एक माह का बिल करीब 39 हजार रुपये भेज दिया गया है। भारी-भरकम बिजली का बिल देखते ही उपभोक्ता की नींद उड़ गई है। जानकारी के अनुसार बडग़ांव निवासी प्रभा झारिया शासकीय आयुष अस्पताल बडग़ांव में एक नर्स के पद पर पदस्थ हैं। प्रभा ने बताया कि वह सुबह आठ बजे से अस्पताल में ड्यूटी करने जाती हैं। जिसके कारण उनका दिन अस्पताल में निकल जाता है। घर में सिर्फ एक पंखा, तीन एलइडी बल्ब और एक टीवी है। जिसका वह कम ही उपयोग करती हैं हैं। उनका स्वीकृत भार 300 वाट है। इसके बावजूद विभाग ने बिना रीडिंग किए मनमाना बिल भेजा गया। परेशान प्रभा झारिया ने कहा कि 38 हजार 998 रुपये का बिल कैसे जमा करें। बताया गया कि पिछले माह 40 रुपये बिल आया था, जिसे वह किसी कारण से जमा नहीं कर सकीं, लेकिन पिछले बकाया 40 रुपये का विभाग ने इस माह 39 हजार रुपये बिल भेजा है।
इनका कहना है
उपभोक्ता का बिल अधिक क्यों आया है इसकी जांच कराई जाएगी। उसमें यदि सुधार की गुंजाइश होगी तो उसका समाधान कराया जाएगा।
सतीश कुशवाहा, कनिष्ट अभियंता, रीठी।