सुबह से रही गहमा-गहमी, चला मनाने का दौर
कलेक्ट्रेट परिसर में नाम वापसी की प्रक्रिया के दौरान सुबह से ही गहमा-गहमी रही। बड़ी संख्या में वार्डोंे के उम्मीदावर व पार्टियों के पदाधिकारी यहां पहुंचे और रूठों को मनाने का दौर चलता रहा। कुछ उम्मीदवार तो यह देखने भी आए थे कि उनके वार्ड से जिस निर्दलीय ने नामांकन दाखिल किया है वह नाम वापस ले भी रहा है या नहीं। जिले के एक विधायक व पार्टी अध्यक्ष करीब 1 घंटे तक यहां मौजूद रहे। कई उम्मीदवारों से चर्चा करते रहे और उन्हें मनाने में जुटे रहे।
नहीं माने सूरी दम्पति, डटे रहे
भाजपा पार्टी से बगावत कर निर्दलीय महापौर उम्मीदवार का पर्चा दाखिल करने वाली प्रीति संजीव सूरी नहीं मानी। कायस लगाए जा रहे थे कि वे पर्चा वापस ले सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भाजपा जिलाध्यक्ष रामरतन पायल कलेक्ट्रेट परिसर में संजीव सूरी से चर्चा करते हुए नजर आए। इस दौरान सूरी ने उनसे आर्शीवाद लिया और आगे बढ़ गए। सूरी के अलावा पार्षद पदों में निर्दलीय दावेदारी करने वाले पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी नाम वापस नहीं लिए हैं।
महापौर के दो और पार्षदों के 30 नामांकन वापस
कटनी नगरनिगम अंतर्गत महापौर के लिए 14 नामांकन दाखिल किए थे। नाम वापसी की प्रक्रिया में दो उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस ले लिया है। इसी तरह शहर के 45 वार्डों में पार्षद पद की उम्मीदवारी कर रहे 30 लोगों ने भी मैदान छोड़कर अपना नाम वापस ले लिया है। इसी तरह नगर परिषद बरही में 8, कैमोर में 1 व विजयराघवगढ़ में 4 पार्षद उम्मीदवारों ने अपना नाम वापस लिया है।
आरोप : बहु को सरपंच बनाने कर रहे प्रचार
सरकारी कर्मचारी रहते हुए बहु को सरपंच बनाने पति के साथ सास के द्वारा प्रचार प्रसार करने का मामला सामने आया है। मामला ढीमरखेड़ा की दशरमन ग्राम पंचायत का है। गांव के रजनी नरेंद्र उपाध्याय और मंजू सुनेंद्र सिंह सोलंकी ने कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी प्रियंक मिश्रा के नाम ढीमरखेड़ा एसडीएम नदिमा शीरी और जनपद सीईओ विनोद पाण्डेय को शिकायत कर बताया कि ग्राम पंचायत में एक उम्मीदवार का प्रचार उनके परिजन, जो शासकीय सेवा हैं कर रहे हैं।