कई जगह पर आ गए हैं क्रेक
ढाई किलोमीटर की इस सडक़ में कई स्थानों पर क्रेक आ गए हैं। स्वास्थ्य केंद्र के सामने, जीआरपी कॉलोनी के समीप, रेलवे कॉलोनी के समीप सडक़ में जग-जगह पर दरारें आ गई हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि डामर, गिट्टी आदि का सही से मिक्चर तैयार न किया जाना व ठीक से रोलर का ना चलाया जाना है। बनते ही सडक़ में क्रेक्स आने के कारण लोगों ने कहा कि जल्दी सडक़ खराब हो जाएगी, जिससे उन्हों फिर आवागमन में समस्या होगी।
इस सडक़ के बनते समय रेलवे के जिम्मेदार अधिकारियों ने गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा। जब घटिया सडक़ बन गई है, जब जांच कराने व डबल कोट कराने का दावा अधिकारी कर रहे हैं। बता दें कि कई माह बाद यहां के रहवासियों को खराब सडक़ की मुसीबत से छुटकारा मिला है, लेकिन निर्माण कार्य गुणवत्तायुक्त न होने से फिर उन्हें शीघ्र परेशान होगी। लोगों ने सडक़ के गुणवत्ता की जांच कराने मांग की है।
सोल्डर को नहीं कराया ठीक
यहां पर दो दिन पहले ढाई किलोमीटर डामर सडक़ का निर्माण रेलवे द्वारा ठेकेदार के माध्यम से करा दिया गया है, लेकिन अबतक सोल्डर को ठीक नहीं कराया गया। कहीं पर एक फीट ऊंची सडक़ है। सिंगल सडक़ होने के कारण अचानक के सामने वाहन आ जाने पर लोगों को साइड लेने में भारी परेशान होती है। सडक़ पर चलने वाले पैदल राहगीर, दो पहिया वाहन सवार व कार चालकों में हादसे का डर बना रहता है। सोल्डर को सडक़ के बराबर से अबतक बनवाने रेलवे ने कोई पहल नहीं की।
रेलवे द्वारा एनकेजे कॉलोनी में भी कर्मचारियों, उनके परिजनों, यहां से आवागमन करने वाले लोगों की सुविधा के लिए भी सडक़ बनवाई जानी है। यहां पर भी ढाई किलोमीटर लंबी सडक़ों का निर्माण अलग-अलग कॉलोनियों में होना है। 30 लाख रुपए से अधिक की यह सडक़ बनेंगी। शीघ्र ही यहां पर काम रेलवे द्वारा शुरू कराया जाएगा।
रेलवे कॉलोनी में ढाई किलोमीटर की डामर सडक़ का निर्माण कराया गया है। मैं अन्यत्र विजिट पर होने के कारण सडक़ की गुणवत्ता को नहीं देख पाया। शनिवार को इस मामले को दिखवाते हैं। हो सकता है ठेकेदार ने अभी पूरी सडक़ न बनाई हो। यदि कहीं पर समस्या है, तो डबल कोट कराया जाएगा।
जेपी पाठक, एईएन रेलवे।