इन पर चल रही है अभियोजना की कार्रवाई
नगर निगम द्वारा 9 मैरिज गार्डनों पर अभियोजन की कार्रवाई कराई गई है। इनमें सत्कार मैरिज गार्डन, खरे मैरिज गार्डन, राज पैलेस, दिव्यांचल मैरिज गार्डन, मधुर प्रेम मैरिज गार्डन, सिंधू सदन धर्मशाला, बाबा नारायणशाह मैरिज गार्डन, आत्माराम धर्मशाला, पंजाबी धर्मशाला शामिल हैं। इन में अभियोजना की कार्रवाई जारी है।
शहर में 30 से अधिक मैरिज गार्डन व धर्मशालाएं हैं, जहां पर खूब शादियां व आयोजन हो रहे हैं। शहर में कुल 13 लोगों ने ही नगर निगम से अनुज्ञप्ति लेकर विधिवत मैरिज गार्डनों का संचालन कर रहे हैं। शेष में मनमानी जारी है, जिनपर नगर निगम व प्रशासन कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। मंगलम मैरिज गार्डन, विरासत मैरिज गार्डन नियम विरुद्ध तरीके से संचालित हो रहे हैं। नगर निगम द्वारा अभियोजना की कार्रवाई नहीं कराई जा रही।
देर रात तक बजाए जाते हैं डीजे
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार मैरिज गार्डन में रात 10 बजे के बाद डीजे आदि नहीं बजना चाहिए, लेकिन शादी समारोह शुरु होते ही शहर के मैरिज गार्डनों में रात 12 के बाद तक तेज आवाज में डीजे साउंड बजना शुरु हो जाएगा, जिससे इन मैरिज गार्डनों के आसपास के रहवासियों को रात को सोना तक मुश्किल हो जाता है। इसकी शिकायतें नगरपालिका से लेकर एसडीएम से तक की जा चुकी हैं, लेकिन कुछ निराकरण नहीं निकल सका।
मैरिज गार्डन में वाहन पार्किंग के इंतजाम नहीं हैं। कई गार्डन तो चाका से लेकर झिंझरी तक मॉडल रोड के किनारे पर हैं, जिनके वाहन सडक़ किनारे खड़े होते हैं। पार्किंग के पुख्ता इंतजाम नहीं होने के कारण जब गार्डन में मैरिज होती है, तो हाईवे के दोनों तरफ और बीच रोड तक दो पहिया और चार पहिया वाहनों की कतारें लग जाती हैं, जिससे यहां कई बार यातायात जाम की स्थिति बनती है और नागरिक परेशान होते हैं। फायर सेफ्टी सिस्टम पर भी ध्यान नहीं दिया जाता।
इन मैरिज गार्डन में शादी-समारोह के बाद बची खाद्य सामग्री आदि के निष्पादन के तक पुख्ता इंतजाम नहीं हैं, इस कारण शादी समारोह खत्म होने के बाद गार्डन के सामने ही वेस्टेज फेंक देते हैं। जिससे आसपास रहने वाले नागरिक परेशान होते हैं। वहीं कुछ मैरिज गार्डन में तो पानी निकासी के तक इंतजाम नहीं हैं और कचरा प्रबंधन की भी कोई नीति नहीं है।
वॉटर हार्वेस्टिंग भी नहीं
शहर के अधिकांश मैरिज गार्डन में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तक नहीं है। इस कारण बारिश के पानी को भी नहीं सहेज पाते हैं। नपा ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत जब इन मैरिज गार्डन का सर्वे करवाया, तो यह हकीकत सामने आई।
अवैध मैरिज गार्डनों पर कार्रवाई की जिम्मेदारी नगर निगम के छह सब इंजीनियरों को सौंपी गई है। इनको गार्डनों में जाकर देखना है कि किन-किन नियमों का उल्लंघन हो रहा है व कौन से मैरिज गार्डन नियमों के विपरीत चल रहे हैं। उन पर कार्रवाई की रिपोर्ट नगर निगम को देनी है, लेकिन कोई भी उपयंत्री गार्डनों पर कार्रवाई करने ध्यान नहीं दे रहा।
9 मैरिज गार्डनों पर अभियोजन की कार्रवाई चल रही है। 13 लोगों द्वारा अनुज्ञप्ति लेकर संचालन किया जा रहा है। शहरी क्षेत्र में जो भी अवैध तरीके से मैरिज गार्डन चल रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उनके खिलाफ अभियोजन की कार्रवाई कराई जाएगी। नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नीलेश दुबे, आयुक्त नगर निगम।