सपोटरा उप जिला कलक्टर बाबूलाल की मौजूदगी में बुधवार को बांध प्रोजेक्ट अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, सिंचाई विभाग एवं दोनों गांवों के ग्रामीणों के बीच बांध स्थल के समीप भर्रपुरा गांव में बैठक आयोजित हुई। जिसमें प्रशासन ने दोनों गांवों के करीब 110 परिजनों को दूसरी जगह बसाने के लिए चौरघान गांव के समीप खसरा नंबर पर 164/1 पर करीब 47 बीघा भूमि चिह्नित करने पर सहमति बन गई।
यह रहे मौजूद
इस मौके पर सपोटरा एसडीएम बाबूलाल, तहसीलदार कमलेश कुमार शर्मा, विकास अधिकारी भीम सिंह मीना, करौली सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियंता सुशील कुमार गुप्ता, सहायक अभियंता सुरेन्द्र पाल सिंह, कनिष्ठ अभियंता अनिल कुमार मीना,नायब तहसीलदार महेश चंद शर्मा,दोहरी बांध प्रोजेक्ट के मैनेजर मंगल राम परमार, इंजीनियर विनय कुमार त्यागी, करणपुर पटवारी विष्णु चंद सोनी, निभैरा सरपंच प्रतिनिधि घनश्याम गुर्जर , नानपुर पंचायत के पूर्व सरपंच केशव मीणा सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे। गतिरोध के कारण अधूरा पड़ा है कार्य
उल्लेखनीय है कि दोहरी बांध लघु सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य वर्ष 2020 में शुरू हुआ था। लेकिन बांध के डूब क्षेत्र में आने वाले दोहरी और भर्रपुरा के करीब 110 परिवारों को पुराने सर्वे के अनुसार मुआवजा नहीं दिया गया था। मुआवजे के फंसे पेंच के गतिरोध के कारण कई बार बांध का निर्माण कार्य बंद हो गया। बांध डूब क्षेत्र में आ रहे दो गांवों के 110 परिवार तीन वर्ष से उचित मुआवजे की मांग कर रहे थे। इन लोगों ने करीब तीन वर्ष पूर्व हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिससे बांध पर 220 मीटर का कार्य अधूरा था।
प्रत्येक परिवार को मिलेगा आवासीय पट्टा
एसडीओ ने बताया कि प्रत्येक परिवार को 60 बाई 30 फुट का आवासीय पट्टा जारी किया जाएगा। जमीन के बदले मुखिया को 6.36 लाख रुपए दिए जाएंगे। परिवार के सदस्य जिनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक होने पर 5.36 लाख रुपए दिए जाएंगे।