राजाखेड़ा के रास्ते में मिले मयंक गुप्ता ने बताया कि हर चुनाव में जातिगत समीकरण हावी रहे हैं। यहां मिले अन्य लोगों ने कहा कि चुनाव जीतने के बाद प्रत्याशियों को जनता से किए वादे याद रखने चाहिए। गंगापुर सिटी में मिले वैभव ने बताया कि लंबे समय से चंबल प्रोजेक्ट से पेयजल नहीं मिल पाया है। सिंचाई के पानी की लंबे समय से मांग की जा रही है। हिण्डौन पहुंचते ही चुनावी नारों से ज्यादा माता के जयकारे सुनाई दिए। बस स्टैंड पर पहुंचा, तो ज्यादा यात्री सिर पर चुनरी बांधे दिखे।
मतदाताओं के मन की थाह जानने निकला तो 100 किलोमीटर का सफर तय कर धौलपुर पहुंचा। जहां सरानीखेड़ा के रास्ते में एक चाय की चौपाल पर मिले 85 वर्षीय ज्ञानसिंह गुर्जर बोले- धौलपुर और करौली में पर्यटन क्षेत्र विकसित हो सकता है, लेकिन आज तक किसी राजनीतिक दल ने इस पर ध्यान नहीं दिया। सरानीखेड़ा गांव की चौपाल में कुछ लोग चुनावी चर्चा करते मिले। ग्रामीण जुगनू कुमार बोले- यहां रोजगार का संकट है। कई सरकारें आई, लेकिन रोजगार कोई नहीं दे पाया। केशव शर्मा बोले- गांव में अवारा पशुओं की बड़ी समस्या है।