टोडाभीम उपखण्ड क्षेत्र की ग्राम पंचायत सांकरवाड़ा की बैरवा बस्ती में पेयजल समस्या को लेकर महिलाएं जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सहायक अभियंता कार्यालय पहुंच गई। रीते बर्तन लेकर आई महिलाओं ने अभियंता के खिलाफ नारे लगाए। साथ ही मौके पर मौजूद कार्मिकों को खरीखोटी सुनाई।
महिलाओं ने बैरवा बस्ती में पेयजल सप्लाई करने वाले कर्मचारी पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए। साथ ही पाइप लाइन में ग्रामीणों के द्वारा अवैध कनेक्शन करने की शिकायत की। महिलाओं ने दो दिन में पेयजल समस्या का समाधान नहीं होने पर सहायक अभियंता कार्यालय का घेराव करने की चेतावनी दी। महिलाओं ने बताया कि पेयजल के लिए दूसरे मौहल्लों में जाना पड़ता है।
इलाके में गर्मी के साथ पेयजल समस्या भी पीछा नहीं छोड़ रही है। स्थिति यह है कि जलदाय अधिकारी-कर्मचारियों की लापरवाही के चलते कस्बे के लोग पांच दिन से नलों में पानी कम आने से परेशान हैं। पूर्व पंचायत समिति सदस्य हरकेश मीना ने बताया कि माली मोहल्ले, बस स्टैण्ड, मुख्य बाजार, झण्ड़ा चौराहा, न्यू कॉलोनी आदि में गत पांच दिनों से नलों में पर्याप्त जलापूर्ति नहीं हो रही है। इससे लोगों को पेयजल के लिए भटकना पड़ रहा है।
गुढ़ाचन्द्रजी . ढहरिया पंचायत के उजिरना गांव में सैकड़ों लोग कुएं का गंदला पानी पीने को मजबूर हैं। इससे ग्रामीणों को चर्म रोग भी हो रहे हैं। ग्रामीण मुंशी राजपूत ने बताया कि जलदाय विभाग की करीब ३ करोड़ रुपए की पेयजल योजना भी लोगों की प्यास नहीं बुझा पा रही है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा ना तो पेयजल योजना से उन्हें जोड़ा गया है और ना ही टैंकर की व्यवस्था की गई है। मजबूरी में लोगों को एक कुंआ का गंदा पानी पीना पड़ रहा है। इस कु एं में पानी के कम पड़ जाने से पेंदे का गंदा पानी ही बचा है। इससे लोग खाज, खुजली, पेट दर्द सहित अन्य चर्म रोगों के शिकार हो रहे हैं। साथ ही मवेशियों को भी पानी के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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