सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग स्कूल, कॉलेज तथा व्यावसायिक कक्षाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों को छात्रवृति जारी करता है। सूत्रों ने बताया कि विभाग को 7 हजार विद्यार्थियों की छात्रवृति के भुगतान के लिए ८ करोड़ ८२ लाख ५० हजार रुपए की जरूरत है। इसके प्रस्ताव बनाकर विभाग ने सरकार को भेज दिए हैं, लेकिन सरकार ने बजट जारी नहीं किया है। इस कारण युवाओं को छात्रवृति का भुगतान नहीं मिल रहा है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार ने आंकड़े अधिक दिखाने के लिए सितम्बर माह तक की छात्रवृति स्वीकृत करने के आदेश जारी किए। इस पर अधिकारियों ने छात्रवृति स्वीकृत कर रिपोर्ट ऑनलाइन जारी कर दी। इसके बाद अधिकारियों ने भुगतान के लिए बजट मांगा, लेकिन सरकार ने बजट जारी नहीं किया है।
इस कारण ऑनलाइन स्वीकृति की रिपोर्ट देख विद्यार्थी रोजाना विभाग के कार्यालय जाकर छात्रवृति के भुगतान की मांग करते हैं। यहां अधिकारी एक ही जवाब देते हैं कि बजट मिलने के बाद राशि खातों में ट्रांसफर की जाएगी।
उत्तर मैट्रिक, एसटी, एससी, विशेष पिछड़ा वर्ग, मुख्यमंत्री सर्वजन उच्च शिक्षा एवं अनुप्रति योजना में विद्यार्थियों को छात्रवृति दी जाती है। इसके तहत एससी, ओबीसी और एसटी लेबल और व्यावसायिक लेवल के प्रशिक्षण के लिए छात्रवृति के रूप में भुगतान किया जाता है। इसमें ऑनलाइन आवेदन करने के बाद भी भुगतान नहीं हुआ है।
छात्रवृति के लिए बजट नहीं मिलने पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारी भी परेशान हैं। उनसे रोजाना विद्यार्थी सवाल-जवाब करते हैं। इस कारण गत दिनों जिला कलक्टर ने भी सरकार को पत्र लिखकर बजट उपलब्ध कराने का आग्रह किया है, जिससे विद्यार्थियों को भुगतान किया जा सके।