दंगल में पूर्व जिला प्रमुख शिव दयाल मीणा ने शिरकत की। इस दौरान मीणा ने कहा कि दंगल हमारी संस्कृति की द्योतक हैं। इसे संरक्षित रखना सभी की जिम्मेदारी है। ऐसे आयोजनों से प्रेम भी बढ़ता है।
दंगल में कानापुरा के मेडिया सीताराम ने नल राजा की कथा, झालोदा के मेडिया ने हरदोल भगत की कथा, महस्वा के मेडिया सीताराम ने केवट राजा की कथा पर आधारित रचनाएं सुनाई। दंगल के समापन पर ग्रामीणों की ओर से अतिथि व मेडियाओं का माला व साफा पहना स्वागत किया गया। दंगल में कांग्रेस जिला महासचिव ओमप्रकाश महस्वा, पूर्व सरपंच भूरा, रणजीत, रामकेश, किशन आदि मौजूद थे ।
लोक गायन शैली ने किया मंत्रमुग्ध
निसूरा. क्षेत्र के जयसिंहपुरा गांव में रविवार को एक दिवसीय लोकगीत दंगल में लोक कलाकारों ने धार्मिक व पौराणिक लोक गायन शैली के गीत प्रस्तुत कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। राजकीय विद्यालय परिसर में आयोजित दंगल में आधा दर्जन गायन मंडलियों के गायकों ने एक से बढकऱ एक रचनाएं प्रस्तुत की।
प्रत्येक मंडली में 70-80 सदस्य शामिल थे, जिन्होंने गुर्जर संस्कृति व परम्परा के अनुसार धाॢमक पौराणिक कथाओं पर आधारित रचनाएं प्रस्तुत की। ताली, मठपुर्जा, मूंडिया, मदनपुर, जयसिंहपुरा की पार्टियों ने प्रस्तुति दी। दंगल सुनने के लिए लोगों की काफी भीड़ उमड़ी। दंगल में मजीपुरा, पाटकटारा, जगदीशपुरा, महमदपुर, देवलेन, मूंडिया आदि गांवों के लोग पहुंचे।
इधर राजौली गांव में आयोजित दो दिवसीय सुड्डा दंगल का रविवार को समापन हुआ। समापन पर भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री राजेन्द्र शेखपुरा ने कहा कि कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजन हमारी संस्कृति की पहचान है। ग्रामीणों ने बिजली, पानी सहित सडक़ की समस्या से उन्हें अवगत कराया।
इस पर राजेन्द्र ने सडक़ बनवाने का आश्वासन दिया। इससे पहले आयोजकों की ओर से अतिथियों एंव मेडियाओं का स्वागत किया गया। दंगल में मंडेरू, बीचपुरियानकापुरा, के पार्टियों के गायकों ने धार्मिक कथाओं पर आधारित रचनाएं सुनाई।