करसौली मांग पर नगर परिषद के वार्ड 51 की वैदवाड़ा, खिजूरबाड़ा सहित कई ढाणियों में किसानों ने अलग- अगल स्थानों पर करीब 10 बीघा में गेंदा के खेती की हुई है। पहले गेंदा की खेती दीपावली के त्योहारी सीजन तक सिमट जाती थी। अब शादी, समारोह व अन्य योजनों में सजावट केे लिए मांग होने से वर्ष के दो से तीन सीजन में फूलों की खेती हो रही है। किसानों का कहना है कि त्योहारी सीजन में गेंदा के भाव 50 रुपए प्रतिकिलोग्राम तक पहुंच जाते हैं।
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उत्कृष्टता सेंटर की दरकार
आमतौर पर गेहूं की बुवाई के लिए गेंदा की फसल हटा खेतों का खाली किया जाता। क्षेत्र में उद्यानिकी के प्रति रुझान बढऩे से दीपावली बाद भी खेत गेंदा के फूलों से अटे हैं। ढाणी वैदवाड़ा निवासी विष्णु सैनी ने बताया कि मार्च माह में गेंदा की नवरंगा किस्म की रोपाई होती है, जो मई व जून माह में फूल देती है।
गेंदा की रंग और आकार के अनुसार करीब 50 किस्में होती हैं। लेकिन क्षेत्र में किसान गेंदा की किस्म की की खेती करते हैं। राष्ट्रीय फूले बिग्रेड टीम के प्रदेशाध्यक्ष दिनेशचंद्र सैनी ने बताया कि फूलों की खेती के बढ़ावे के लिए क्षेत्र में पुष्प उत्कृष्टता केंद्र की जरुरत है। जिससे प्रशिक्षण लेकर किसान गेंदा के अलावा दूसरे फूलों भी खेती कर सकें।
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फूलों की खेती के गुर सीखेंगे 20 किसान
किसानों को फूलों की खेती का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इसके लिए जिले से 20 किसानों का दल 17 नवम्बर को सवाई माधोपुर स्थित पुष्प उत्कृष्टता केंद्र जाएगा। जहां उद्योनिकी विशेषज्ञ उन्हें फृूलों की खेती के गुर और नवाचार बताए जाएंगे।
हरभजन मीणा, उपपरियोजना निदेशक, आत्मा योजना, कृषि विभाग करौली