आईआईटी के दस छात्र सुबह लगभग सात बजे गंगा बैराज पिकनिक मनाने पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक गंगा में पानी कम होने से सभी पैदल ही आगे बढ़ते चले गए। काफी दूर घुटनों तक पानी पार करने के बाद छात्र गहरे में डूबने लगे। चंचल और उसका एक साथी गहराई में चला गया। दोनों डूबने लगे तो और साथी बचाने लगे। देखते ही देखते कई साथी डूबने लगे। इस पर गोताखोरों ने छलांग लगाकर नौ छात्रों को सुरक्षित निकाल लिया, लेकिन चंचल का कोई पता नहीं चला। कोहना थाना पुलिस ने गोताखोरों की मदद से चंचल की तलाश शुरू कर दी। लगभग साढ़े तीन घंटे के बाद चंचल का शव मिला। चंचल के पिता महावीर सिंह के घर से चल देने की सूचना पुलिस को मिली है।
यह भी पढ़े –
बोर्ड रिजल्ट से पहले प्रिंसिपल ने कर ली खुदकुशी, जानिए बड़ी वजह इस वजह से होते हैं हादसे गंगा बैराज पर रहने वाले गोताखोर कैशल ने बताया कि जहां छात्र डूबा है, वहां शुरूआत में तो दो फुट पानी है लेकिन थोड़ा आगे बढ़ते ही पानी की गहराई तीस फुट से ज्यादा हो जाती है। डूबने वाले को संभलने का मौका नहीं मिलता और हादसा हो जाता है।
हादसों से सबक नहीं गंगा बैराज पर आए दिन लोगों की डूबकर जान जाती है। स्थानीय गोताखोर श्याम ने बताया कि नहाने के लिये अटल घाट के पास जगह बनाई गई है। लेकिन लोग गंगा की रेती में जाकर दूसरी तरफ नहाने लगते हैं। असामान्य गहराई होने के चलते हादसा हो जाता है।
परिजनों का इंतजार एसीपी कर्नलगंज त्रिपुरारी पाण्डेय गंगा बैराज में आईआईटी के दस छात्र आए थे। एक छात्र का शव मिला है। मृत छात्र के परिजनों का इंतजार किया जा रहा है। यह भी पढ़े –
कानपुर हिंसाः पानी पी-पी कर दिए जवाब, बिरयानी मांगी तो अधकारियों ने खिलवाई सब्जी और रोटी