सुनील ने दावा कर जमीन का करा लिया बैनामा बिकरू कांड की शुरुवात तब हुई जब जादेपुर के रहने वाले राहुल तिवारी की ओर से विकास दुबे व अन्य के खिलाफ एफआइआर कराई गई थी। इसके बाद पुलिस टीम 2 जुलाई 2020 रात बिकरू में दबिश देने गई थी। दरअसल राहुल तिवारी की शादी समीप के गांव मोहनी निवादा में लल्लन शुक्ला की बेटी से हुई थी। लल्लन के समय उनका भांजा सुनील उनके साथ रहने लगा था। सुनील की शादी विकास दुबे के भतीजे शिवम दुबे की बहन से हुई थी। लल्लन की मौत के बाद सुनील ने दावा किया कि मरने से पहले मामा उसे साढ़े 6 बीघा जमीन दान में दे गए हैं। फिर सुनील ने जमीन का बैनामा भी अपने नाम करवा लिया था। इस पर राहुल ने इस बैनामे को कोर्ट में चुनौती दी है।
विकास दुबे की भी थी जमीन पर नियत खराब वहीं करोड़ों कीमत वाली उस जमीन पर विकास दुबे की नीयत भी बिगड़ गई, जो बिकरू कांड की सबसे बड़ी वजह बन गई। राहुल के अनुसार कोई सुनवाई नहीं हो रही जबकि अधिकारी चाहें तो उसकी जमीन का विवाद भी खत्म हो सकता है। गौरतलब हो कि विकास दुबे से जुड़े तमाम जमीनों के विवाद थे, जिसमें तारा चंद्र इंटर कालेज के प्राचार्य सिद्धेश्वर पांडेय की पांच करोड़ की जमीन सबसे अहम थी। अब दोबारा से पांडेय परिवार के पास इस जमीन का स्वामित्व आ गया है। शिवली के संतोष मिश्रा की छह बीघा जमीन पर विकास ने 20 साल पहले कब्जा कर लिया था। यह जमीन भी अब उनको मिल गई है। इसी तरह ने जमीन विवाद निपट चुके हैं।