डीसीपी (पश्चिम) बीबीजीटीएस मूर्ति ने कहा कि ट्रिपल मर्डर के कुछ घंटे बाद प्रोफेसर सुशील कुमार ने अपनी जीवन लीला समाप्त करने के लिए गंगा में छलांग लगाई होगी। उसके फूले हुए शरीर से नींद की गोलियां, पहचान पत्र और कार की चाबियां बरामद हुई हैं। एक फोरेंसिक टीम जांच में शामिल हो गई है और विसरा को आगे की जांच के लिए भेजा जाएगा। यह शव रविवार दोपहर को अत्यधिक क्षत-विक्षत अवस्था में मिला था।
दरअलस 3 दिसंबर को प्रोफेसर ने कल्याणपुर के डिवाइनिटी होम्स अपार्टमेंट में अपनी पत्नी चंद्र प्रभा का गला घोंटकर हत्या कर दी थी जबकि 21 वर्षीय बेटे शिखर और 16 वर्षीय बेटी खुशी को मारने के लिए हथौड़े का इस्तेमाल किया था। उसने विस्तार से हत्या की योजना बनाई थी और अपने परिवार के सदस्यों को जहरीली शराब पिलाई थी।
प्रोफेसर के लापता होने के बाद, वह अटल घाट पर लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गया और बाद में उसके मोबाइल की लोकेशन गंगा के सरसैया घाट से मिली। बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया और कानपुर से फतेहपुर तक गंगा के किनारे गोताखोरों को सेवा में लगाया गया।
हत्या करने के तुरंत बाद 3 दिसंबर को सुशील कुमार ने अपने भाई को संदेश दिया कि उसने गंभीर अवसाद में अपने परिवार की हत्या कर दी है। 10 पन्नों के सुसाइड पत्र में लिखा कि वह कोरोनावायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के उभरने से परेशान था।