सत्र 2022-23 के लिए छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) से संबद्ध कानपुर, कानपुर देहात, उन्नाव, कन्नौज, इटावा, फर्रुखाबाद व औरैया के महाविद्यालयों में दाखिला चल रहा है। इस सत्र में बीए, बीएससी और बीकॉम में प्रवेश की स्थिति काफी खराब है। इसकी हकीकत जानने को डॉ. बीडी पांडेय ने एक सर्वे किया। प्राचार्यों व प्रवेश प्रभारियों की रिपोर्ट के आधार पर डॉ. पांडेय ने एक रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें दो साल पहले और इस साल प्रवेश लेने वालों का एनालिसिस किया है। उन्होंने बताया कि दो साल में बीए, बीएससी और बीकॉम का ट्रेंड पूरी तरह बदल गया है। अब उच्च वर्ग या उच्च मध्यम वर्ग का छात्र सामान्य स्नातक नहीं करना चाहता है। वहीं प्रोफेशनल कोर्स की ओर मूव कर गया है। बीएससी भी करनी है तो ऑनर्स या फिर नए विषय बॉयोटेक्नोलॉजी, माइक्रोबॉयोलॉजी जैसे कोर्स में दाखिला ले रहा है। वहीं, जो वर्ग अब तक इंटर के बाद पढ़ाई छोड़ देता था, वह स्नातक में दाखिला ले रहा है।
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Indian Railways: अब देश में कम होंगी ट्रेन दुर्घटनाएं, जैसे ही बढ़ेगा तापमान डैमेज हो जाएगा कोच छोटे कारीगर, किसान व मजदूर के बेटों की भरमार डॉ. बीडी पांडेय ने बताया कि इस बार बीए, बीएससी में छोटे कारीगर, किसान व मजदूर के बेटों ने अधिक दाखिला लिया है। इनकी आय एक लाख रुपये से भी कम है। वहीं ऐसे छात्रों की संख्या में भी इजाफा हुआ है, जो खुद कमाई कर घर व पढ़ाई का खर्च निकालते हैं।
उच्च वर्ग के बच्चे नहीं करना चाहते बीए-बीएससी पैरामीटर वर्ष 2020 वर्ष 2022 मुस्लिम लड़कियां 5 फीसदी 12 फीसदी उच्च वर्ग 20 फीसदी 2 फीसदी उच्च मध्यम वर्ग 30 फीसदी 3 फीसदी
प्राइवेट जॉब 30 फीसदी 30 फीसदी मैकेनिक, दर्जी, किसान, लेबर 10 फीसदी 50 फीसदी कम आय वालों के बच्चों ने लिए अधिक दाखिले 50 हजार रुपये से कम आय 25 फीसदी