कानपुर सजेती गैंगरेप कांड – दो दरोगा व कांस्टेबल निलंबित, एसपी ग्रामीण को जांच, डीआईजी ने कहा…
मैसर्स स्टील कंपनी ने यूएई से मेटल स्क्रेप आयात किया था। 2005 में हुए आयात मेटल स्क्रेप के साथ मिसाइल, मिस फायर बम, सेल भी आ गया था। जिसे देखकर कंपनी के होश उड़ गए और उन्होंने विस्फोटक मिसाइल को कंटेनर में ही रख दिया। 2005 से आज तक किसी ने भी विस्फोटक मिसाइल को नष्ट करने की ठोस योजना नहीं बनाई। स्थानीय बम स्क्वायर टीम ने घातक हत्यारों को डिफ्यूज करने से हाथ खड़े कर दिए। उनका कहना था कि सेना की एक्सपर्ट टीम ही डिफ्यूज कर सकती है। पिछले 16 सालों से मिसाइल को डिक्रुज करने की फाइल इधर से उधर दौड़ रही है। लेकिन कोई ठोस योजना नहीं बनी। जिससे कि कानपुर आज बारुद के ढेर पर बैठा है। अब एक बार फिर जिला प्रशासन घातक हथियारों को डिफ्यूज करने की योजना बना रहा है। जिसको महाराष्ट्र के वर्धा क्षेत्र को चुनने की चर्चा है जहां डिफ्यूज करने की योजना है।