पोस्टर छापने वाले को तलाशा जा रहा सीएम ने पोस्टर वायरल और छापने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है। ऐसे में प्रशासन पोस्टर छापने वालों को तलाशने में जुटा है। बेकनगंज, चमनगंज और अनवरगंज थानाक्षेत्र के दो दर्जन प्रिंटिंग प्रेस संचालकों को चिन्हित किया गया है। अब उनसे पूछताछ करने की तैयारी है। जिससे पोस्टर छापने वालों को पकड़ा जा सके। मोबाइल नंबर वालों से भी बातचीत की जा रही है। आखिरकार उन्होंने क्यो इतने पोस्टरों को वायरल किया।
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कानपुर हिंसाः डीएम एसपी ने आस-पास जिलों की पुलिस को किया अलर्ट, खुद फोर्स के साथ पैदल मार्च बैलेंस करने में लगे हैं अफसर नई सड़क पर हुए बवाल में पुलिस-प्रशासन की तरफ से तीन रिपोर्ट भेजी गई हैं। इनके जरिए अफसर बैलेंस करने में भी लगे हैं। शासन की तरफ से इंटेलीजेंस फेल को लेकर भी जानकारी मांगी गई थी। बताया गया है कि उपद्रव की नींव तब रखी गई थी जब भाजपा नेत्री नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी से सोशल मीडिया पर हंगामा हुआ था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को सख्त से सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। सीएम कार्यालय से सवाल पूछा गया है कि इंटेलीजेंस फेल होने के पीछे क्या कारण रहे, उपद्रवियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई और इसे कैसे आगे बढ़ाया जाएगा।
वीवीआईपी मूवमेंट के बारे में जानते थे उपद्रवी अफसरों ने रिपोर्ट में कहा है कि सिर्फ व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद कराने के पर्चे बांटे गए थे। षड्यंत्रकारी ने बवाल की पूरी योजना बना रखी थी। उन्हें पता था कि वीवीआईपी मूवमेंट होने के कारण अधिकतर फोर्स वहीं व्यस्त रहेगी। जुमे की नमाज के बाद 10 मिनट में ही पूरा हुजूम इकट्ठा हुआ और पथराव, बमबाजी और गोलीबारी कर दी। रिपोर्ट में बताया गया है कि 20 मिनट में पर्याप्त संख्या में फोर्स पहुंच गई और उपद्रवियों को खदेड़ना शुरू कर दिया गया था। दूसरी रिपोर्ट में देर रात दर्ज हुई एफआईआर में नामजद आरोपित और धाराओं के बारे में जानकारी दी गई। तीसरी रिपोर्ट में गैंगस्टर, संपत्ति जब्तीकरण और बुलडोजर चलवाने से संबंधित प्रस्तावित कार्रवाई की बात है। सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने रिपोर्ट में इंटेलीजेंस को पूरी तरह फेल होना स्वीकार नहीं किया है।