उपद्रव के बाद देर रात से पुलिस की ताबड़तोड़ दबिश चलती रहीं। सुबह लगभग पांच बजे तक कई इलाकों में भारी संख्या में मौजूद फोर्स ने संदिग्धों के यहां छापा मारा। रात में ही मोबाइल से बने वीडियो और सीसीटीवी कैमरों के वीडियो कब्जे में ले लिए। इनके आधार पर आरोपितों को चिह्नित करने के लिए टीम को लगाया गया है। मुख्यमंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद कानपुर पुलिस कमिश्नरेट व आउटर के सभी अफसर सद्भावना चौकी पर जुटे। एफआईआर की लिखापढ़ी कैसे होगी, इसका निर्णय लिया गया। रात में लगभग ढाई बजे मोर्चा संभाला और नई सड़क से लेकर दादामियां चौराहा तक दबिश शुरू कर दी।
यह भी पढ़े –
कानपुर हिंसाः विवादों की स्क्रिप्ट रचने में माहिर हयात जफर, इससे पहले भी दे चुका है ये अंजाम आरोपियों की जानकारी लेगी पुलिस पुलिस की टीमें जिन संदिग्धों को उठा रही हैं। वह देखने से यदि नाबालिग लग रहे हैं तो उनके आईकार्ड की कॉपी भी फाइल में लगाई जा रही है ताकि उनकी उम्र को लेकर स्थिति साफ हो सके। पुलिस अफसरों के मुताबिक आरोपित अगर नाबालिग हैं तो जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
क्या ट्रेन किए गए नाबालिग नाबालिग जिस तरह से पत्थर और बम चलाते दिख रहे हैं उससे पुलिस को आशंका है कि कहीं न कहीं इन्हें प्रशिक्षण दिया गया है। पुलिस के मुताबिक षड्यंत्रकारियों के पकड़े जाने के बाद इस तथ्य का भी पता लगाया जाएगा।
यह भी पढ़े –
गुड न्यूजः जनधन खाताधारकों को हर महीने आएंगे 3 हजार रुपए, फटाफट यहां खोलें अपना खाता 350 वीडियो जुटा चुकी पुलिस पुलिस ने उपद्रव के 350 वीडियो जुटा लिए हैं। इलाकाई लोगों ने भी मदद की है। सात सीसीटीवी कैमरे से पुलिस ने चार घंटे की फीड बरामद कर ली है। इन दोनों से आरोपितों की पहचान करने के लिए तीन टीमों को अलग से लगाया गया है। देर रात दो दर्जन से अधिक लोगों को उठाया, उनके चेहरों की पहचान कराई जा रही है। इनके शामिल होने की पुष्टि होने पर गिरफ्तारी होगी।
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट आईपीएस ने संभाली कमान स्थिति को नियंत्रित करने के लिए शासन की तरफ से आईपीएस अधिकारी अजयपाल शर्मा को भेजा गया। देर रात उन्होंने कमान संभाल ली। दबिश के लिए जो टीमें बनाई गईं। उसमें से एक को एडीसीपी ईस्ट राहुल मिठास, डीसीपी प्रमोद कुमार और अजयपाल शर्मा, एक टीम को ज्वाइंट सीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने लीड किया