आंत के जरिए कैंसर ने पहली बार किया हमला
कानपुर शहर से करीब 5 किमी दूर पटकापुर है। यहां नरोत्तम पांडेय आइसक्रीम बेचते हैं। साल 2009 में नरोत्तम को पता चला कि वह कैंसर के शिकार हो चुके हैं। उनके आंत में कैंसर था, जिसकी सर्जरी मुंबई के टाटा अस्पताल में हुई। इस सर्जरी में हमेशा के लिए उनके पेट से मल का रास्ता बनाकर कोलोस्टोमी बैग लगा दिया गया। तब से लेकर आज तक नरोत्तम की कमर में मल की थैली लटकती है। अभी नरोत्तम इस सदमे से बाहर भी नहीं आए थे कि 2012 में नाक की एक छोटी सी फुंसी ने कैंसर का रूप ले लिया। इसके बाद भी कैंसर का सिलसिला थमा नहीं।शरीर में नौ बड़ी सर्जरी के निशान
2013 में कैंसर ने कनपटी पर हमला किया। 2015 में बाएं गाल में और फिर दाएं गाल में कैंसर की गांठ बन गई। साल 2018 में जांघ में गांठ उभरी। 2019 में छोटी आंत में कैंसर हुआ। 2020 में नाभि के पास और 2021 में दाएं पैर के पंजे में गांठ बनी। नरोत्तम पांडेय के चेहरे से जांघ तक नौ बड़ी सर्जरी के निशान हैं। आइए जानते हैं कि कैंसर सबसे पहले कब पाया गया।कब हुई कैंसर की शुरुआत?
कैंसर बीमारी के बारे में सबसे पहला जिक्र मिस्र और ग्रीस के समय में पाया जाता है। मिस्र (Egypt) की बात करें तो करीब 3000 साल पहले यहां स्तन कैंसर (Breast Cancer) का वर्णन किया गया है। स्तन कैंसर के लक्षणों का वर्णन “एडविन स्मिथ सर्जिकल पपाइरस” नामक दस्तावेज में किया गया है। वहीं, प्राचीन ग्रीस (Greece) में भी कैंसर का वर्णन पाया गया है। ग्रीस के डॉक्टर हिप्पोक्रेट्स ने कैंसर के बारे में लिखा और इसे ‘कर्किनोस’ (केकड़ा) कहा। ऐसा इसलिए क्योंकि कैंसर में पाए गए ट्यूमर का आकार केकड़े जैसा दिखता था।
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कैंसर को कब मिला गंभीर बीमारी का दर्जा?
कैंसर को एक बीमारी के रूप में दर्जा प्राचीन ग्रीस के समय से मिला था, लेकिन इसे पूरी तरह से गंभीर बीमारी के रूप में मान्यता 18वीं और 19वीं सदी में दी गई। 18वीं सदी में माइक्रोस्कोप का आविष्कार और 19वीं सदी में कोशिका सिद्धांत (cell theory) ने कैंसर को समझने का रास्ता आसान कर दिया। जर्मन वैज्ञानिक रुडोल्फ विरचो (Rudolph Virchow) ने 1850 के दशक में या साबित कर दिया कि कैंसर एक कोशिकीय बीमारी है और यहीं से कैंसर को चिकित्सा क्षेत्र में गंभीर बीमारी के रूप में दर्जा मिलना शुरू हुआ।कैंसर से लड़ने के लिए चिकित्सक उपाय
आज के आधुनिक समय में कैंसर का इलाज उसके प्रकार, उसकी अवस्था, और मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है। कैंसर में प्रमुख चिकित्सीय उपायों का नाम है- सर्जरी (Surgery), कीमोथेरेपी (Chemotherapy), रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy), इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy), टारगेटेड थेरेपी (Targeted Therapy), हार्मोन थेरेपी (Hormone Therapy), स्टेम सेल ट्रांसप्लांट (Stem Cell Transplant), प्रिसिशन मेडिसिन (Precision Medicine), क्लीनिकल ट्रायल्स (Clinical Trials), सपोर्टिव केयर (Supportive Care) और जीन थेरेपी (Gene Therapy)। यह भी पढ़ें
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कैंसर को लेकर यूपी सरकार ने क्या स्कीम निकाली है?
उत्तर प्रदेश सरकार ने कैंसर के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए कई योजनाएं शुरू की हैं। इसका उद्देश्य कैंसर के इलाज, जागरूकता और रोकथाम में मदद करना है। आइए जानते हैं सरकार की उन योजनाओं के बारे में…मुख्यमंत्री कैंसर सहायता योजना
इस योजना के तहत गरीब और वंचित वर्ग के कैंसर मरीजों ₹2 लाख तक की आर्थिक सहायता दी जाती है।आयुष्मान भारत योजना (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना)
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस केंद्रीय योजना को राज्य में लागू कर दिया है। इसके तहत गरीब परिवारों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलता है, जिसमें कैंसर का इलाज भी शामिल है।राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM)
इस योजना के तहत यूपी सरकार कैंसर की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियानों का आयोजन करती है। इसमें शुरुआती जांच, कैंसर के बचाव के बारे में जानकारी दी जाती है। यह भी पढ़ें