12 दिसंबर को
उत्तर प्रदेश के कानपुर कमिश्नरेट पुलिस को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया। जब आईआईटी की छात्रा ने एसीपी कलेक्टर गंज मोहसिन खान के ऊपर झूठ बोलकर यौन उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया। मामला सामने आने के बाद एसीपी मोहसिन खान को हेड क्वार्टर से अटैच कर दिया गया और एसआईटी का गठन किया गया। जिसका नेतृत्व डीसीपी दक्षिण अंकिता शर्मा कर रहे हैं।
हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर लगाया रोक
पीड़िता का कहना है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए एसीपी मोहसिन खान ने हाईकोर्ट का रास्ता चुना। अपने वकील के माध्यम से उसने मुकदमा रद्द करवाने की याचिका डाली। हाईकोर्ट ने मुकदमा रद्द करने से इनकार कर दिया। लेकिन अगली सुनवाई तक गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी। इसके बाद पीड़िता लगातार कमिश्नरेट पुलिस पर सवाल उठा रही है।
छात्रा ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया
पीड़ित छात्रा ने आरोप लगाया है कि एसीपी को बचाने के लिए पूरा सिस्टम प्रयास कर रहा है। उसके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करने की कोशिश की जा रही है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद एसीपी जांच को भी प्रभावित करेंगे। उसका पूरा केरियर बर्बाद हो जाएगा। छात्र का मानना है कि उसे इस बात की जानकारी नहीं थी कि हाईकोर्ट की याचिका में सुनवाई के दौरान उसे भी अपना पक्ष रखना होगा। सरकारी वकील ने भी कोई पर भी नहीं की। जिसके कारण हाई कोर्ट में एसीपी मोहसिन खान को गिरफ्तारी से करने से रोक लगा दी है।