दिन की गर्मी खतरनाक हो चुकी है। हीटस्ट्रोक के चलते शरीर के अंग काम करना बंद कर देते हैं। लोगों की सांस फूलने लगती है और नाक से खून भी निकलने लगता है। ऐसी स्थिति में तुरंत इलाज की जरूरत है, वरना जान भी जा सकती है।
गर्मी में अगर कोई लू की चपेट में आ जाता है तो उसके ब्रेन का थर्माेरेगुलेटरी सिस्टम फेल हो जाता है। यह सिस्टम शरीर में तापमान को नियंत्रित करता है। इसके फेल होते ही शरीर के अंदर बाहर जितना तापमान हो जाता है और व्यक्ति की किडनी को नुकसान होता है। जिससे शरीर में प्रोटीन जमने लगता है और उसकी किडनी काम करना बंद कर देती है।
जिन लोगों को डाइटिंग की आदत होती है और वे कैलोरी काफी कम मात्रा में लेते हैं उनके लिए भी खतरा ज्यादा है। गर्मी में जो लोग दो से तीन घंटे तक बाहर रहते हैं उनकी कैलोरी में तेजी से कमी होने लगती है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों की मानें तो दिन की धूप हर घंटे शरीर से १०० कैलोरी सोख लेती है। इससे व्यक्ति को थकान महसूस होती है और उसकी हालत बिगड़ सकती है। उसका ब्लड प्रेशर भी कम हो सकता है।
गर्मी में जो लोग धूप में बाहर निकलते हैं उन्हें कैलोरी की जरूरत पड़ती है। गर्मी में १० से पांच घंटे के बीच हर व्यक्ति को १६०० कैलोरी लेनी चाहिए। जो लोग फील्ड वर्क करते हैं और चार घंटे तक धूप में रहते हैं उनके लिए १९०० कैलोरी आवश्यक है। छह घंटे तक धूप में रहने वालों को २००० कैलोरी की आवश्यकता है।