एक्चुएटर शोधकर्ताओं की टीम का नेतृत्व मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो बिशाख भट्टाचार्य ने किया है। उन्होंने बताया कि अब के समय में क्वाइल व विद्युत चुंबकीय प्रणाली पर आधारित एक्चुएटर बाजार में आ रहे हैं, जो विभिन्न संयंत्रों में इस्तेमाल होते हैं। इनमें गति व बल को नियंत्रित करने के लिए अलग से गियर लगाना पड़ता है। लेकिन आईआईटी का ये एक्चुएटर अलग है। आईआईटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि इस आविष्कार से अगली पीढ़ी के स्पेसरोबोट व मेडिकल उपकरणों का विकास होगा। विमानन व अन्य उद्योगों के लिए खास होगा।
शोरमुक्त और 67 फीसदी कम है वजन सामान्य एक्चुएटर की अपेक्षा एक तिहाई कम वजह में ही उतना बल व गति उत्पन्न कर सकता है। सामान्य एक्चुएटर के वजन के बराबर अगर इसे तैयार किया जाए तो यह ढाई से तीन गुना ज्यादा बल व गति उत्पन्न करता है। प्रति यूनिट वजन में लगभग 70 प्रतिशत बल उत्पन्न करने के साथ इसका डिजाइन बनाया गया है। सामान्य एक्चुएटर का एक बेहतर विकल्प है। इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाएगा तो कीमत 35 प्रतिशत तक कम हो जाएगी। वजन भी 67 प्रतिशत कम होगा और शोरमुक्त उपकरण बनेगा।
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देख लो, बकरे की तरह हलाल कर दूंगा, बना डालूंगा पूरी फिल्म! धमकी सुन व्यापारी पहुंचा कानपुर कमिश्नर के पास क्या है इस एक्चुएटर की खासियत प्रो विशाख के अनुसार अब के डिमांड के अनुसार ये एक्चुएटर छोटा, हल्के वजन का गैर-चुंबकीय गियर मुक्त विकसित किया गया है। इसमें विशेष तरह की मिश्र धातु शेप मेमोरी एलाय का इस्तेमाल किया है। इंजीनियर कन्हैयालाल ने बताया कि इस तकनीक में आकार स्मृति मिश्र धातु से बने तारों का संयोजन किया है, जिससे किसी भी कार्य के लिए जरूरी बल व गति मिल सकेगी।
क्या होता है एक्चुएटर
एक्चुएटर (संचालक) वह उपकरण है, जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलकर किसी वस्तु को गति व आवश्यक बल प्रदान करता है। हर दिन लोग इस तरह के एक्चुएटर को देखते हैं। मोटर बाइक, फोटोकापी मशीन, पानी या पंखे की मोटर, एमआरआइ स्कैनर, सीटी स्कैनर आदि सभी उपकरणों में एक्चुएटर हैं। ज्यादातर एक्चुएटर तारों की क्वाइल से चलते हैं। नए अविष्कार में आकार स्मृति मिश्र धातु का इस्तेमाल किया गया है, जो उच्च तापमान में भी अपने आकार को बहाल कर सकती है।