उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आज 19 दिसंबर को सुनवाई की। जिसमें एसीपी मोहसिन खान की तरफ से इरफान उल्लाह और विक्रम सिंह ने पक्ष रखा। उन्होंने बताया गया कि पश्चिम बंगाल की रहने वाली आईआईटी छात्रा की शादी पश्चिम बंगाल के ही रहने वाले साइंटिस्ट के साथ हुई है। इसके लिए मैरेज फार्म पर हस्ताक्षर भी किए गए हैं। लेकिन शादी का कोई भी कागज अदालत में पेश नहीं कर सके। कानपुर कमिश्नरेट पुलिस की तरफ से मुकदमे से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत किए गए। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट में एसीपी मोहसिन खान की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही आदेश दिया है कि मुकदमा रद्द नहीं होगा।
जानते हैं क्या कहती है पीड़िता?
पीड़िता ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि उसने शादी नहीं की है। उस पर शादी करने का झूठा आरोप लगाया जा रहा है। उसके कैरियर को बर्बाद करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस घटना के संबंध में कोई अपडेट नहीं दे रही है। अगर न्याय नहीं मिला तो उसे पता नहीं है कि वह क्या कर लेगी?
क्या है मामला?
आईआईटी से पीएचडी कर रही पश्चिम बंगाल की छात्रा में एसीपी मोहसिन खान के खिलाफ धोखा देकर शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था। कल्याणपुर थाने में एसीपी मोहसिन खान के खिलाफ संगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। 12 दिसंबर को मुकदमा दर्ज होने के बाद एसीपी की गिरफ्तारी नहीं हुई। जिस पर हिंदू संगठनों ने नाराजगी बात करते हुए एसीपी की गिरफ्तारी की मांग की थी। उन्होंने इसे लव जिहाद से भी जोड़ा था। फिलहाल घटना की जांच डीसीपी साउथ अंकिता शर्मा के नेतृत्व में गठित एसआईटी कर रही है।