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कानपुर: “हेलो मैं आरबीआई का गवर्नर…”, डिजटल अरेस्ट कर अमेरिका से आए डॉक्टर से 80 लाख की ठगी

America doctor digital arrest  and 80 lakh fraud कानपुर में अमेरिका से वापस लौटे डॉक्टर से 80 लाख रुपए ठगे जाने का मामला साइबर क्राइम के पास पहुंचा है। आरबीआई के गवर्नर, सीबीआई, एफबीआई जैसी संस्थाओं के नाम से भी डराया गया। ‌ अब क्राइम ब्रांच टीम जांच कर रही है।

कानपुरSep 08, 2024 / 10:22 am

Narendra Awasthi

America doctor digital arrest and 80 lakh fraud उत्तर प्रदेश के कानपुर में अमेरिका से आए डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर 80 लाख रुपए ठगे जाने का मामला सामने आया है। साइबर सेल में पीड़ित के भतीजे ने शिकायत दर्ज कर न्याय की गुहार लगाइए। साइबर सेल की क्राइम ब्रांच ने पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।‌ मामले की जांच कर रही है। इस बीच साइबर ठगों ने आरबीआई का गवर्नर बनकर डॉक्टर को अपनी जाल में फंसाया। सीबीआई और एफबीआई का पत्र भी जारी कर धमकाया गया। मामला काकादेव थाना क्षेत्र के गीता नगर का है।
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America doctor digital arrest and 80 lakh fraud गीता नगर काका देव निवासी संजय टंडन ने अपनी तहरीर में बताया है कि उसके चाचा डॉ. रमेश चंद्र टंडन जिनकी उम्र 85 वर्ष है, अमेरिका में रहते थे। अब वह मेरे साथ रह रहे हैं। बीते 26 अगस्त को व्हाट्सएप पर कॉल आई। जिसमें सामने वाले ने अपना नाम अजय बंसल बताया। बोला- आपके खिलाफ इंटरनेशनल मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है। जिसकी जांच सीबीआई के पास है। इस केस के जांच अधिकारी आईपीएस राहुल यादव है। सीबीआई अफसर विराज कुमार का लिखा हुआ एक पत्र भी डॉ रमेश चंद्र टंडन के पास भेजा गया था। जिसमें बताया गया था कि आपका बैंक अकाउंट वेरीफाइड किया गया है, बैंक जाना होगा।

बिना फोन काटे बैंक पहुंचने को कहा गया

America doctor digital arrest and 80 lakh fraud संजय टंडन के अनुसार उनके चाचा ने अपनी उम्र का हवाला देते हुए कहा कि वह चलने फिरने में असमर्थ हैं। इस दौरान संयुक्त खाता होने की जानकारी भी उन्होंने सामने वाले को दे दी। बीते 27 अगस्त को एक फोन एक कॉल आई जिसमें कहा गया कि बिना फोन को काटे बैंक पहुंच जाइए। इसके साथ ही बताया गया कि आरबीआई का एक पत्र भेज कर बताया कि जांच पूरी होने तक पूरी धनराशि सरकार के अधीन रहेगी। 

30 प्रतिशत धनराशि ट्रांसफर कराई गई

America doctor digital arrest and 80 lakh fraud इसके बाद ठगों ने अपना काम शुरू किया। विन पवन एनर्जी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के नाम बैंक में जमा राशि का 30 प्रतिशत के नाम पर जमा कर दिया गया। यह रकम 25.43 लाख रुपए बनी। 28 अगस्त को एक और फोन आया। भारत सरकार लिखा हुआ एक पत्र भेजा गया। फिर से 30 प्रतिशत की धनराशि फ्रोजनमान वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक के खाते में जमा कराया गया। 

29 अगस्त को 30 लाख रुपए ट्रांसफर कराए गए

America doctor digital arrest and 80 lakh fraud 29 अगस्त को ठगों ने 30 लाख रुपए ट्रांसफर कराया। 30 अगस्त को साइबर ठग ने इलाज के नाम पर 2.70 लाख रुपए वापस कर दिया।‌ इस पर इन लोगों को भी विश्वास हो गया सही में जांच चल रही है। तीन सितंबर को व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से न्यूयॉर्क सिटी बैंक में जमा धन राशि का 50 प्रतिशत मांगा गया। इसके साथ ही चेतावनी दी गई कि अगर यह रकम नहीं दी गई तो आपकी चल अचल संपत्ति सीबीआई जब्त कर लेगी। इस रकम को स्टेट बैंक के खाते में ट्रांसफर करने को कहा गया। 

अब ठगे जाने का एहसास हुआ

America doctor digital arrest and 80 lakh fraud इतना सब होने के बाद उन्हें ठगे जाने का एहसास हुआ। पुलिस कमिश्नर से इस मामले में शिकायत की गई। साइबर सेल की क्राइम ब्रांच के एडीसीपी क्राइम मनीष सोनकर ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है इस बात को भी देखा जा रहा है कि पैसा कहां-कहां भेजा गया है।

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