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कानपुर

कतरा-कतरा खून की बूंदों का हिसाब रखेगा स्वास्थ्य विभाग, जानिए क्यों

Blood Banks: लखनऊ रैकेट में कानपुर के ब्लड बैंक के शामिल होने के बाद सतर्कता हो गई है। ड्रग विभाग ने ब्लडबैंकों से तीन महीने के लेन-देन का ब्योरा तलब किया। अप्रैल से अब तक बाहर से खून मंगाया या नहीं, शपथपत्र संग रिपोर्ट मांगी है।

कानपुरJul 03, 2022 / 12:24 pm

Snigdha Singh

Health department track blood Banks Blood

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एसटीएफ के लखनऊ में ब्लड बैंकों में छापेमारी के बाद कानपुर मंडल में भी ड्रग विभाग सतर्क हो गया है। अब एक-एक यूनिट खून का हिसाब-किताब शुरू हो गया है। ड्रग विभाग ने मायांजलि ब्लड बैंक में निरीक्षण करने के बाद सभी ब्लड बैंकों से तीन महीने के खून के लेन-देन का ब्योरा तलब किया है। अब सभी ब्लड बैंक संचालकों को शपथपत्र के साथ बाहर से खून मंगाया या नहीं रिपोर्ट देनी होगी।
लखनऊ में राजस्थान से आए 307 यूनिट को एसटीएफ ने बरामद किया था। खून के तस्करों ने एसटीएफ को पूछताछ में बताया कि उन्होंने लखनऊ के साथ कानपुर और फतेहपुर-हरदोई को भी राजस्थान लाकर खून की सप्लाई की थी। उसी के बाद कानपुर में ड्रग विभाग ने खून की रिपोर्ट बनानी शुरू कर दी है। ड्रग विभाग ने सभी ब्लड बैंकों के संचालकों से अप्रैल से जून तक मरीजों को दिए गए ब्लड का ब्योरा मांगा है और उसके साथ मरीजों के नंबर भी मांगे हैं। इसी के आधार पर मरीजों से रैण्डम चेकिंग की जाएगी। खून देने और खून ले जाने वाले लोगों का भी ब्यौरा तैयार होना चाहिए।
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खून मांगने का भी देना होगा ब्योरा

औषधि निरीक्षक संदेश मौर्या ने बताया कि खून की पूरी रिपोर्ट सरकारी में हैलट, उर्सला, कार्डियोलॉजी, 7 एयरफोर्स के साथ ही 19 निजी सेन्टरों से मांगी गई है। राज्य के बाहर और गैर जनपद से खून मांगने का भी ब्योरा देना होगा। इसमें शपथ पत्र भी देना होगा।

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