बैंक आफ बड़ौदा के रिकार्ड के मुताबिक कानपुर में 69800 लोगों को पीएम स्वनिधि योजना के तहत 10-10 हजार रुपए की राशि लोन के रूप में दी गई। बैंकों ने 69.80 करोड़ रुपए इस योजना के तहत बांट दिया। अब 80 फीसदी से ज्यादा लोन एनपीए हो चुका है या होने की कगार पर है। स्वनिधि योजना के दूसरे चरण में उन लाभार्थियों को 20 हजार रुपए का लोन दिया जा रहा है, जिन्होंने पहले चरण में लिया गया 10 हजार रुपए का लोन लौटा दिया गया है। बीस हजार रुपए का लोन केवल 5200 लोगों को दिया गया है। इसी से साफ है कि 10 हजार रुपए लेकर न लौटाने वालों की संख्या कितनी ज्यादा है। योजना से जुड़े एक बैंक अधिकारी के मुताबिक 55 हजार से ज्यादा लोन डिफाल्ट हैं, इसीलिए 20 हजार रुपए लेने वालों की संख्या बेहद कम है।
यह भी पढ़े –
स्कूल के शौचालय में 19 घंटे बंद रहे दलित छात्र का वीडियो वायरल, प्रधानाचार्य गिरफ्तार पिछले सत्र में आया था 16 करोड़ रुपए परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को पहले मुफ्त ड्रेस मिलती थी। लेकिन पिछले सत्र से ड्रेस के एवज में 1100 रुपए बच्चों के मां-बाप के खातों में भेजे जाने लगे। यहीं से समस्या खड़ी हो गई। स्वनिधि लोन की रकम न चुकाने वाले खातों में जैसे ही ये रकम आई, पैसा पिछले लोन के बकाये में एडजस्ट हो गया। कानपुर नगर में लगभग 1.60 बच्चे इन स्कूलों में पढ़ते हैं। पिछले सत्र में लगभग 16 करोड़ रुपए खातों में आया था। इस सत्र में अभी तक करीब 83 हजार खातों में 9.5 करोड़ रुपए आ चुके हैं। अधिकांश रकम स्वनिधि लोन का पैसा न चुकाने की मद में कट गई। ड्रेस न बनवाने की ये भी एक वजह सामने आ रही है।
ऑटो डिडेक्ट सिस्टम की वजह से हुआ ऐसा वी बैंकर्स नेशनल सेक्रेट्री आशीष कुमार मिश्र के अनुसार प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत दिया गया अधिकांश लोन एनपीए हो गया है। बैंक एनपीए खाते की रकम निकालने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। लोन एकाउंट में आटो डिडेक्ट सिस्टम रहता है। यानी खाते में कहीं से भी पैसा आएगा, स्वत: लोन की किस्त में कट जाएगा। बच्चों की ड्रेस के लिए आया पैसा भी इसी सिस्टम के तहत पूर्व में अदा न किए लोन की मद में कट रहा है।