बिजली संकट से छात्रों का भविष्य अंधकारमय आपको बता दें कि इन राजकीय विद्यालयों में हालात यहां तक हैं कि बजट की मांग के बावजूद जब कभी बजट आता है तो भुगतान किया जाता है। ऐसे में बिजली संकट होने से छात्रों के भविष्य पर ही अंधकार होता दिख रहा है। जिसे गंभरता से लेते हुए नेडा को ऑनग्रिड पैनल की जिम्मेदारी राज्य परियोजना निदेशक ने डीएम और अपर राज्य परियोजना निदेशक ने डीआईओएस को पत्र भेजकर ऑनग्रिड पैनल की स्थापना की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके लिए अगल से एक कमेटी भी बनाई गई है।
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यूपी में रेटिंग के आधार पर नर्सिंग-पैरा मेडिकल कॉलेजों को मान्यता देगी योगी सरकार क्षमता के हिसाब से लगाए जाएंगे सोलर पैनल दरअसल, कमेटी के जरिए शहर के शहर के राजकीय हाईस्कूल और राजकीय इंटर कॉलेजों की क्षमता के हिसाब से सोलर पैनल लगाए जाएंगे। साथ ही अतिरिक्त बिजली विभाग को दी जा सकेगी। गौरतलब है कि बिजली न होने के कारण जीजीआईसी में स्मार्ट क्लास और जीआईसी में जिला कम्प्यूटर लैब बंद हो रखी है। रमसा, लेखाधिकारी, नमिता सिंह के मुताबिक, सोलर पैनल लग जाने से बिजली न रहने की समस्या दूर हो जाएगी और बिजली की स्थायी व्यवस्था हो जाएगी।
सोलर पैनल लगने से इन स्कूलों को होगा लाभ जीजीआईसी चुन्नीगंज, जीआईसी चुन्नीगंज, जीजीआईसी विजय नगर, जीआईसी खेरसा, राजकीय हाईस्कूल कोरथा, राजकीय हाईस्कूल बिबपुर बिल्हौर, राजकीय हाईस्कूल (जीएचएस), राधन बिल्हौर, जीएचएस घाटमपुर, जीएचएस कासिमपुर घाटमपुर, जीएचएस उत्तनपुर ककवन, जीएचएस कल्याणपुर, जीएचएस बैकुंठपुर कल्याणपुर, जीएचएस ककरहिया पतारा, जीएचएस जहांगीराबाद पतारा, जीजीआईसी सरसौल, जीएचएस तिलसहरी बुजुर्ग सरसौल और जीएचएस बीरामऊ शिवराजपुर। पूरे प्रदेश में 1070 विद्यालयों का चयन हुआ है।