प्रमिला पांडेय ने कहा कि यह कानून तलाक-ए-बिद्दत यानी तीन तलाक को रोकने के लिए है। उन्होंने कहा कि अभी तक शरीयत का कोई संहिताकरण नहीं किया गया। इसके चलते जिसके मन में जो आता है, वो वही करता है। इस बिल से मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिलेगा और पीएम मोदी के साथ 19 राज्यों की सरकार इसके पक्ष में है। प्रमिला पांडेय ने कहा कि कांग्रेस सहित अन्य दल मुस्लिमों को अपना वोटबैंक की तरह इस्तमाल कर उन्हें गुमराह करते रहे। लेकिन पीएम मोदी सबका-साथ, सबका विकास के तहत बिना भेदभाव के काम कर रहे हैं। हिन्दू हो या मुस्लिम महिला न्याय दिलाना सरकार का कर्तव्य होता है। इसलिए पीएम मोदी ने आधी आबादी को इंसाफ दिलाने के लिए यह कानून बनाया है।
ट्रिपल तलाक एक नहीं कई जख्म देता है
प्रमिला पांडेय ने बताया कि पिछले साल एक मुस्लिम महिला हमारे पास आई और अपने पति की करतूत बयां की। पीड़िता ने बताया कि उसके पति ने मोबाइल के जरिए तीन तलाक बोल दिया और दूसरी शादी कर ली। हम उस महिला को लेकर थाने गई, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने से असर्मथा जता दी। तीन तलाक से मुस्लिम महिलाओं पर कई तरह के अत्याचार होते हैं। पति तलाक देने के बाद वह दूसरी शादी कर अराम की जिंदगी जीता है, वहीं पत्नी अपने बच्चों को लेकर मायके के साथ रिश्तेदारों के घरों में शरण लेती हैं। इस दौरान उनके छोटे-छोटे बच्चे दो-दो रोटी के मोहताज हो जाते हैं। अब ऐसी महिलाओं को पति त्रिपल तलाक देने से पहले सौ बार सोचेंगे।