कानपुर में सेंट्रल बैंक के दस लॉकरों से करोड़ों रुपये से ज्यादा के जेवरात गायब होने के बाद शनिवार को पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें पूर्व बैंक मैनेजर, पैन कॉमर्शियल कंपनी के कर्मचारी चन्द्र प्रकाश, उसके साथी करन राज और राकेश हैं। लॉकर इंचार्ज शुभम मालवीय और चन्द्रप्रकाश का भाई रमेश फरार है। आरोपितों के पास से ढाई सौ ग्राम सोना बरामद किया है। हालांकि खुलासे में अभी कई सवाल बचे हैं। पुलिस का कहना है कि कस्टडी रिमांड पर लेने के बाद पूछताछ होगी तभी सारी स्थितियां साफ हो सकेंगी। डीसीपी ईस्ट प्रमोद कुमार ने बताया कि सेंट्रल बैंक के दस लॉकरों को आरोपितों ने तोड़कर जेवर निकाले थे। इनमें नौ की पुष्टि पीड़ितों ने बैंक जाकर कर दी है। सात में जो जेवरात निकले उसकी इंट्री नहीं कराई गई। सिर्फ तीन ऐसे लॉकर थे जिनमें मिलने वाले सामान को बैंक में दर्ज कराया। इसके बाद सात लॉकरों के आभूषण गायब कर दिए गए।
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शस्त्रों के हैं शौकीन तो माउजर, पिस्टल और रिवॉल्वर में जान लीजिए क्या है फर्क यह किया बरामद डीसीपी के मुताबिक आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद इनसे कई ज्वैलर्स की जानकारी मिली जिन्हें उठाकर पूछताछ करने पर चन्द्रप्रकाश द्वारा बेचे गए 300 ग्राम सोने के जेवरात में ढाई सौ ग्राम बरामद कर लिए गए। इसमें 11 सोने की चूड़ियां, दो अंगूठी, दो कान के टॉप्स और तीन हार शामिल हैं।
दोषियों की कुर्की हो, अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चले महाना ने महिलाओं को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाते हुए कहा कि इस संबंध में मुख्य सचिव से बात हुई है। माल बरामदगी के बाद ही खुलासा पूरा माना जाएगा। पीड़ितों की मदद की जाएगी। व्यापारी नेताओं ने कहा कि मुख्य आरोपी लॉकर इंचार्ज फरार है। उसकी जल्द गिरफ्तारी कर माल बरामद किया जाए। दोषी अधिकारियों की गिरफ्तारी हो। विजय पंडित ने कहा कि पीड़ित परिवारों के नुकसान की भरपाई दोषियों की सम्पत्ति कुर्क कर किया जाए। बुलडोजर से दोषियों की अवैध संपत्ति गिराई जाए।