scriptKanpur News : कानपुर के इन कलाकारों का अमेरिका, जर्मनी भी दीवाना, जानें क्या है खासियत? | Artists of Kanpur Kalanidhi Center spread their name abroad | Patrika News
कानपुर

Kanpur News : कानपुर के इन कलाकारों का अमेरिका, जर्मनी भी दीवाना, जानें क्या है खासियत?

Kanpur News : कानपुर के कथक और भरतनाट्यम के कलाकारों ने अमेरिका और जर्मनी समेत अन्य देशों में अपने हुनर का जादू दिखाया है। इन कलाकारों को विदेशों में कोचिंग सेंटर चलाने के ऑफर मिल रहे हैं।

कानपुरApr 29, 2023 / 11:15 am

Vishnu Bajpai

Artists of Kanpur Kalanidhi Center spread their name abroad
Kanpur News : कानपुर के कथक और भरतनाट्यम के कलाकारों ने अमेरिका और जर्मनी समेत अन्य देशों में अपने हुनर का जादू दिखाया है। इन कलाकारों को विदेशों में कोचिंग सेंटर चलाने के ऑफर मिल रहे हैं। कानपुर में कलानिधि सेंटर में कथक सिखाने वाली वंदना देवराय नूपुर संस्था के जरिए साल 2003 से बच्चों को नृत्य सिखा रही हैं। इन बच्चों ने विदेशों में स्टेज शो करके नाम भी कमाया है। आइये आपको इनसे रू-बरू कराते हैं।
साल 1999 में सुचरिता ने कलानिधि सेंटर की स्‍थापना की
कानपुर में साल 1999 में कलानिधि सेंटर की स्‍थापना करने वाली सुचरिता खन्ना ने बताया कि मुंबई की अखिल भारतीय गंधर्व महाविद्यालय से मान्यता प्राप्त सेंटर प्रतिभाशील बच्चों को समर्पित है। शहर के पाठशाला में कथक की बारीकियां सीखकर निकलीं रम्पी घोष पब्लिक स्कूल में टीचर हैं।
यह भी पढ़ें

जालौन में आकाशीय बिजली गिरने से किसान की मौत, लखनऊ-कानपुर समेत 30 जिलों में अलर्ट जारी

वह कहती हैं कि उनके साथ के कई कलाकार विदेशों में छाए हैं। कक्षा तीन में पहली प्रस्तुति देकर तालियां बटोरने वालीं रम्पी ने वंदना देबोराय से कथक की बारीकियां सीखीं। पहले स्टेज शो 2003 में दशावतार की प्रस्तुति लाजपत भवन में दी।
बिरजू महाराज की कृपा से निखरी कला
कथक सम्राट बिरजू महाराज की शिष्या वंदना देबोराय कहती हैं कि शास्त्रीय संगीत व नृत्य ने विदेशों में अलग पहचान बनाई हैं। जर्मनी में 2018 में अर्धनारीश्वर की प्रस्तुति करने गई। वहां के लोगों ने शो खत्म होने के बाद घेर लिया था। भारत का पहनावा, शृंगार, नृत्य व गायन की कला विदेशियों को आकर्षित करती है। पिछले साल यूएस गई तो वहां के लोगों ने नृत्य सिखाने के लिए रुक जाने का आग्रह किया। वह चाहते थे कि डांस स्कूल चलाया जाए। वंदना देवराय नूपुर संस्था के जरिए बच्चों को 2003 से नृत्य सिखा रही हैं।
यह भी पढ़ें

युवाओं को उदास और मायूस बना रहा सोशल मीडिया, सर्वे रिपोर्ट ने किया बड़ा खुलासा

सुचरिता ने कला से बनाई अपनी पहचान
बचपन से नृत्य के प्रति रुझान रखने वाली डॉ. सुचरिता ने पद्म विभूषण सीवी चंद्रशेखर व उनकी पत्नी जया चंद्रन से भरतनाट्यम की बारीकियां सीखीं। कानपुर में खन्ना परिवार में विवाह हुआ, जिसके बाद कला निखारने का समय निकाला। 1999 में कलानिधि की स्थापना की। इसके जरिए अब तक 1000 से ज्यादा कलाकार दीक्षा पा चुके हैं। कानपुर के नृत्य कलाकारों के सात समंदर पार अमेरिका वाले भी मुरीद हैं।
यहां के कलाकारों से ऑनलाइन टिप्स लेते हैं विदेशी
सुचरिता खन्ना बताती हैं “जर्मनी, थाईलैंड, इंडोनेशिया, लंदन वाले यहां के कलाकारों की कला से मुग्ध होकर ऑनलाइन टिप्स लेते हैं। शहर के ग्रुप अक्सर शो करने विदेश जाते हैं। पिछले साल यहां के भरतनाट्यम् ग्रुप ने अमेरिका में 15 शो किए। 2017 में भी सात कलाकारों का दल यूएस शो करने गया था। शास्त्रीय संगीत व नृत्य की दीवानगी विदेशों में सिर चढ़कर बोलती है। कलाकार मानते हैं कि तनाव भरी जिंदगी को खुशहाल बनाने की आसान थेरेपी भी हैं। विदेशों में भी इस बात की मान्यता मिली है।”
यह भी पढ़ें

अगले दो महीने में सरकारी नौकरियों का खुलेगा पिटारा, जानें कहां होनी हैं भर्तियां

सुचरिता ने अमेरिका तक बिखेरा भरतनाट्यम का जलवा
भरतनाट्यम का जलवा अमेरिका तक बिखेर चुकीं डॉ. सुचरिता खन्ना बताती हैं “पिछले आठ साल से विदेश में कलाकारों के साथ शो कर रही हैं। विदेश में शास्त्रीय नृत्य, गायन की दीवानगी है। 2017 में अमेरिका की झनकार संस्था के बुलावे पर सात कलाकारों के साथ शो किया। 2022 में विहिप ऑफ अमेरिका ने 15 स्टेज शो के लिए आमंत्रित किया। वहां विदेशियों में भरतनाट्यम के प्रति दीवानगी देखते ही बनती थी। बच्चे व युवा कलाकारों के संपर्क में हैं, वह डांस के टिप्स लेते हैं।”

Hindi News / Kanpur / Kanpur News : कानपुर के इन कलाकारों का अमेरिका, जर्मनी भी दीवाना, जानें क्या है खासियत?

ट्रेंडिंग वीडियो